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Fri, Dec 19, 2025

चाणक्य नीति: कभी न करें अपने बेटे की ज्यादा तारीफ, हो सकता है नुकसान!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की है। जिनमें से एक चाणक्य नीति भी है। इसमें जीवन के हर एक पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है।
चाणक्य नीति: कभी न करें अपने बेटे की ज्यादा तारीफ, हो सकता है नुकसान!

Chanakya Niti : विष्णु गुप्त और कौटिल्य के नाम से जाने जाने वाले आचार्य चाणक्य भारत के प्राचीन राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ थे। जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की है। जिनमें से एक चाणक्य नीति भी है। इसमें जीवन के हर एक पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है। इसमें शिक्षा, मित्रता, दुश्मनी, राजनीति सहित कूटनीति के बारे में उचित सलाह और उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने वाला हर एक व्यक्ति मुश्किल कार्य को आसानी से पार कर लेता है।

अक्सर बड़े-बुजुर्ग और शिक्षकों द्वारा यह कहा जाता है कि चाणक्य नीति अपनाने वाला हर व्यक्ति जीवन में सफल और अच्छा इंसान बनकर उभरता है।

ना करें बेटे की ज्यादा तारिफ

चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि अपने बेटे की समझ में ज्यादा तारीफ करने से आपको नुकसान हो सकता है। अक्सर आपने लोगों को देखा होगा कि वह अपने बच्चों की तारीफ समाज में 10 लोगों के बीच करते रहते हैं, लेकिन आचार्य चाणक्य ने कभी भी अपने बेटे की दूसरों के सामने तारीफ ना करने की सलाह दी है।

हो सकते हैं ये नुकसान

  • आचार्य चाणक्य के अनुसार, बेटा चाहे जितना भी काबिल और सफल क्यों ना हो, कभी भी समाज में दूसरों के सामने उसकी तारीफ नहीं करनी चाहिए। इससे आपका ही नुकसान हो सकता है। जिस तरह खुद की तारीफ नहीं करनी चाहिए, उसी तरह दूसरों के सामने भी उनकी तारीफ करने से दूसरों की नजर लग सकती है।
  • समय-समय पर पेरेंट्स को अपने बच्चों की तारीफ करती रहनी चाहिए, ताकि उनका प्रोत्साहन और मनोबल बढ़े, लेकिन दूसरों के सामने ऐसा करने से बचें। इससे आप लोगों के बीच हंसी का पात्र बन सकते हैं। कई बार लोग आपकी इस बात को दूसरे तरीके से ले सकते हैं, जिससे आपके परिवार का मजाक बनाया जा सकता है।
  • इन बातों से समाज में आपकी दूसरी छवि बनने लगती है। आपके प्रति लोगों की मानसिकता बदल सकती है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार अपने बेटे की तारीफ करता है, तो लोग उसकी बातों पर भरोसा करना छोड़ देते हैं। इसलिए अपने बच्चों को उनके अनुसार काम करने दें। वह अपने बलबूते पर नाम रोशन करेगा। इसके बाद दूसरे उसकी खुद उनकी प्रशंसा करेंगे। इससे समाज में आपके और आपके बच्चे की छवि भी नकारात्मक नहीं बनेगी और ना ही आप मजाक का पात्र बनेंगे।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)