Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को विष्णुगुप्त, कौटिल्य या फिर चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है, जोकि प्राचीन भारतीय शिक्षक, अर्थशास्त्री और शाही सलाहकार थे। उनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व में हुआ था। गुरूकुल में चाणक्य ने राजनीति, अर्थशास्त्र, सैन्य रणनीति, कानून और प्रशासन के विषयों में शिक्षा ली। वे अपने समय के महान विद्वानों में से एक माने जाते थे। चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को नंद वंश के अत्याचारी शासक धनानंद के खिलाफ खड़ा किया और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाणक्य ने “चाणक्य नीति” नामक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखा, जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक बताया गया है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको व्यक्ति के उन गुणों के बारे में बताएंगे, जिसके होने पर वह कभी भी कंगाल नहीं होता। आइए जानते हैं विस्तार से…
पढ़ें चाणक्य नीति
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, धन को सही तरीके से संभालकर रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाणक्य ने कहा है कि धन को व्यर्थ के कामों में खर्च नहीं करना चाहिए। इसका सही उपयोग करें और इसे आवश्यक और लाभकारी कार्यों में लगाएं। भविष्य को ध्यान में रखते हुए बचत करें। आपातकालीन स्थितियों के लिए पैसा बचाना बेहद जरुरी है। धन को एक ही स्थान पर न रखें। इसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करें। वस्त्र, आभूषण या किसी भी अन्य चीज पर फिजूल खर्च करने से बचें।
- बता दें कि जिस व्यक्ति में धन को रोकने और सही तरीके से बचत करने का गुण होता है, वह कभी गरीब नहीं रहता। जब व्यक्ति के पास बचत होती है, तो वह उसे निवेश कर सकता है। सही निवेश से धन बढ़ता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। बचत और खर्च पर नियंत्रण व्यक्ति को कर्ज के जाल में फंसने से बचाता है।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति धन को सही तरीके से प्रबंधित करता है, उसमें बचत और सही निवेश की आदत होती है, वह व्यक्ति हमेशा आर्थिक समस्याओं से दूर रहता है। ऐसे व्यक्ति पर लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। नैतिकता और ईमानदारी से कमाया गया धन हमेशा बरकत लाता है। धन की देवी उन लोगों पर प्रसन्न रहती हैं। इसके अलावा, समाज के हित के लिए धन का सदुपयोग और जरूरतमंदों को दान करने से भी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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