Chanakya Niti : भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य प्रमुख व्यक्तित्व हैं, जिनका योगदान न केवल भारतीय समाज में बल्कि विश्व इतिहास में भी अहम माना गया है। चाणक्य का नाम अर्थशास्त्र, राजनीति और नीति के क्षेत्र में माना जाता है। उनका जन्म 4वीं शताब्दी ईसा पूर्व हुआ है। जिन्हें विष्णुगुप्त या फिर कौटिल्य नाम से भी जाना जाता है। वह चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार थे। उन्होंने भारतीय सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को उत्तर भारत में अधिकांश क्षेत्रों को विजयी बनाने में मदद की और उनके नेतृत्व में मौर्य साम्राज्य की स्थापना हुई। चाणक्य ने अर्थशास्त्र का विकास किया और अपनी ग्रंथ “अर्थशास्त्र” में राजनीतिक और आर्थिक नीतियों को समेटा। चाणक्य ने अपने जीवनकाल में विभिन्न ग्रंथों की रचना की, जिनमें “अर्थशास्त्र”, “नीति शास्त्र”, “कौटिलीय अर्थशास्त्र” और “चाणक्य नीति” शामिल हैं। उनके ग्रंथों में समाज, राजनीति, आर्थिक विकास, नीति और व्यवस्था के विषयों पर विस्तृत चर्चा की है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको आर्चाय चाणक्य द्वारा बताई गई कुछ बातों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

पढ़ें चाणक्य नीति
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति अपना लक्ष्य तय नहीं करता वह कभी भी जीत नहीं सकता। ऐसे व्यक्ति को हमेशा असफलता हाथ लगती है क्योंकि उनका कोई भी काम में फोक्स नहीं रहता। ऐसे में हर व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि वह अपना लक्ष्य पहले से ही तय रखें, जिससे वह उसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए सक्सेस कि सीढ़ियों पर चढ़ सके।
- चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोई भी मनुष्य जन्म से ही महान नहीं होता, बल्कि उसे महानता हासिल करने के लिए अच्छे कर्म करने पड़ते हैं। इसके लिए उन्हें मेहनत और लग्न की जरूरत पड़ती है। इस मार्ग में बहुत सारी कठिनियां भी होती है, लेकिन जो इस मार्ग को हंसते खेलते पर कर लेता है। वह मनुष्य महान बन जाता है।
- चाणक्य नीति के अनुसार, किसी का मन यदि शक्तिशाली हो जाए तो उसे कोई भी कठिनाई हार नहीं सकती। क्योंकि वह बहुत सख्त किस्म का इंसान बन जाता है। उसे ना दुख होता है, ना पीड़ा वह किसी भी हालत में खुद को संभालने में सक्षम रहता है।
- चाणक्य नीति के अनुसार, अन्य से कमाया हुआ धन हमेशा नष्ट हो जाता है। गलत तरीके से अर्जित किए गए पैसे कभी भी आपके लिए अच्छा नहीं हो सकता। इसलिए हमेशा ईमानदारी से पैसे कमाएं।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, महाभारत इस बात का सबूत है कि जिस अपना इंसान हद पार कर देता है, उस दिन अपनों के खिलाफ शस्त्र उठाना भी धर्म है। इसलिए किसी के साथ इतनी भी अति ना करें कि वह आपके लिए युद्ध के सामान बन जाए और आपका रिश्ता टूट जाए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





