Sat, Dec 27, 2025

Chandra Grahan : इस दिन लगेगा साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण, आकाश में नजर आएगा ब्लड मून, भारत में दिखेगा? सूतककाल मान्य होगा? जानें डिटेल्स

Written by:Pooja Khodani
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सितंबर में भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर साल का दूसरा ग्रहण लगेगा। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, ऐसे में इस दिन चंद्र ग्रहण लगना धार्मिक दृष्टि से भी खास माना जा रहा है।
Chandra Grahan : इस दिन लगेगा साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण, आकाश में नजर आएगा ब्लड मून, भारत में दिखेगा? सूतककाल मान्य होगा? जानें डिटेल्स

2nd Chandra Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है ।खास करके धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना गया है। पहला ग्रहण होली पर मार्च में लगा था और अब साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण सितंबर 2025 में लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा। यह ग्रहण लाल सुर्ख होगा, जिसके चलते इसे ब्लड मून का नाम दिया गया है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को भाद्रपद्र की पूर्णिमा को लगेगा।भारतीय समयानुसार ग्रहण 7 सितंबर को 9:57 मिनट से 8 सितंबर की रात 12:23 मिनट तक रहेगा।इसका सूतककाल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो जाएगा। सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है। भारत के साथ ही यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका पर भी देखाई देगा।

कब लगता है Chandra Grahan 2025?

  • चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है, इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
  • आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ चांद का एक भाग पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा के धरती की तरफ वाले हिस्से पर धरती की छाया काली दिखाई देती है, कटा हिस्सा दिखाई देता है, तो वह इस पर निर्भर करता है कि किस प्रकार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हैं।
  • उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान धरती की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। इस ग्रहण को देखना कुछ मुश्किल होता है।

ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं?

  • ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
  • ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
  • ग्रहण में भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान खाना-पीना नही चाहिए।
  • खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए
  • ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, उन्हें घर से
  • बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
  • ग्रहण के सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)