चावल के ये 5 टोटके कर देंगे मालामाल, रातोंरात जाग उठेगी सोई किस्मत, पैसों से भर जाएगी तिजोरी, बढ़ेगी सुख-समृद्धि

Manisha Kumari Pandey
Published on -
Chawal ke totke

Chawal Ke Totke: चावल रसोई का अहम हिस्सा है। इसे शांति, सम्मान और शुभता का प्रतीक माना जाता है। पूजा-पाठ में इसका विशेष महत्व होता है। अक्षत के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। चावल के कुछ टोटके आपके लिए भाग्य के द्वार खोल सकते हैं। रंक से राजा बना सकते हैं। आइए एक नजर इन उपायों पर डालें-

खत्म होगी नौकरी की तलाश

7 दिनों तक रोजाना कौओं को मीठी चावल खिलाएं। ऐसा करने से करियर और नौकरी में लाभ होता है। नौकरी की तलाश पूरी होगी।

धनलाभ के लिए उपाय

एक लाल रेशमी कपड़े में साबुत चावल के 21 दानें को लपेटकर अपने वॉलेट में रख लें। ऐसा करने से धनलाभ के योग बनते हैं।

घर में आएगी खुशहाली

चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। पूर्णिमा के दिन जल में चावल मिलकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। इसके बाद भगवान शिव को एक मुट्टी चावल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से घर-परिवार में शांति बनी रहती है।

दूर होगी आर्थिक तंगी

शिवलिंग के सामने कम से कम आधा किलो चावल लेकर बैठकर और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप 108 बार करें। एक मुट्टी चावल भोलेनाथ को अर्पित करें और बचे हुए अन्न को दान कर दें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

कर्ज से मिलेगी मुक्ति

तिल, चावल और दूध के मिश्रण से माँ लक्ष्मी के नाम से हवन करें। मान्यताएं हैं ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। धन-अन्न की कभी कमी नहीं होती।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News