भारत में कोई भी शुभ काम हो और उसमें नारियल का जरूर इस्तेमाल किया जाता है। नारियल केवल एक फल नहीं, बल्कि आस्था, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक है। इसे श्रीफल यानी लक्ष्मी का फल कहा गया है। आज भी जब किसी काम की शुरुआत होती है, तब नारियल फोड़ा जाता है। गाड़ी खरीदने से लेकर नए घर में प्रवेश तक, शादी-ब्याह से लेकर किसी बड़े धार्मिक अनुष्ठान तक नारियल फोड़ने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
हिंदू मान्यता में फल के साथ-साथ इसे समृद्धि, पवित्रता और शुभ संकेत का प्रतीक माना गया है। इसलिए जब भी घर में कलश स्थापना, पूजा-पाठ या फिर कोई नई शुरुआत होती है, नारियल जरूर शामिल किया जाता है।
क्यों कहा जाता है इसे श्रीफल?
नारियल को हिंदू धर्म में श्रीफल कहा जाता है। यहां श्री का अर्थ मां लक्ष्मी से है, जिन्हें धन, सुख और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। यही वजह है कि नारियल का सीधा संबंध लक्ष्मी जी से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि नारियल चढ़ाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और दरिद्रता दूर होती है। ऐसे में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना श्रीफल के अधूरी मानी जाती है।
धार्मिक मान्यता
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, नारियल में केवल लक्ष्मी ही नहीं, बल्कि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भी वास है। यह त्रिदेव की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। समुद्र मंथन की कथा में भी नारियल का महत्व जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि नारियल उस कल्पवृक्ष का प्रतीक है, जो मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था, जो कि मनचाही वस्तु प्रदान करता था। इसी कारण इसे इच्छापूर्ति फल भी कहा जाता है। बता दें कि सामान्य फल बीज से उगते हैं और जब लोग उन्हें खाते हैं तो उनके बचे हुए बीज अशुद्ध माने जाते हैं, जबकि नारियल बिना किसी बीज के उगता है। इस वजह से इसे पूरी तरह शुद्ध और पवित्र फल माना गया है। यही कारण है कि इसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।
श्रीफल के उपाय
- शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा करते समय एक जटा वाला नारियल अर्पित करने से धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- पूजा के बाद इस नारियल को सिक्कों और फूलों के साथ लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रखने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती।
- कुछ लोग नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए भी नारियल का प्रयोग करते हैं।
- मान्यता है कि नारियल फोड़ने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
नारियल का महत्व
नारियल की बनावट भी धार्मिक मान्यता से जुड़ी हुई है। इसकी सख्त बाहरी परत मानव अहंकार और कठोरता को दर्शाती है, जिसे तोड़ने पर ही भीतर का मीठा जल और सफेद गिरी प्राप्त होती है। जिसका अर्थ है कि यदि इंसान अपने अंदर से अहंकार को त्याग दे तो वह भी अपने अंदर की पवित्रता और सच्चाई तक पहुंच सकता है और धर्म के रास्ते पर चल सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





