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Sat, Dec 20, 2025

जब भगवान गणेश ने माता पार्वती से की शिकायत, पढ़ें पौराणिक कथा

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
गणेश उत्सव हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक धूमधाम से मनाया जाता है। गणपति को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। एक पौराणिक कथा में भाई द्वारा मजाक उड़ाए जाने पर गणेश ने माता पार्वती से शिकायत की थी। पढ़ें विस्तार से...
जब भगवान गणेश ने माता पार्वती से की शिकायत, पढ़ें पौराणिक कथा

सनातन धर्म में भगवान गणेश का अपना अलग ही स्थान है। हर साल धूमधाम से गणेश महोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान गजानन की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार का अंत अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। इस त्यौहार को महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि, देश के अन्य कई राज्यों में भी इसका उमंग देखने को मिलता है।

महाराष्ट्र की बात करें तो यहां गणेश पूजा को लेकर लोग बहुत पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं। यहां छोटी से बड़ी मूर्तियां विराजमान की जाती हैं। हर घर में उनकी प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक विधि-विधान पूर्वक पूजा भी की जाती है।

इन नामों से हैं प्रचलित

भगवान गणेश विघ्नहर्ता माने जाते हैं क्योंकि वे अपने भक्तों पर आने वाले सभी संकट को हर लेते हैं। इसके अलावा, वे बुद्धि, विवेक और समृद्धि के देवता कहे जाते हैं। गणपति जी को गजानन, गणपति, विनायक, विघ्नेश्वर, वक्रतुंड, लंबोदर, एकदंत और सिद्धिदाता के नाम से जाना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। वे सफलता, समृद्धि और सिद्धि के दाता माने जाते हैं। छात्रों को खासकर भगवान गणेश की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस साल भी वे बहुत ही जल्द चूहे पर सवार होकर आने वाले हैं।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 26 अगस्त को दोपहर 1:54 पर शुरू होगी, जिसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 3:44 पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, गणेश उत्सव 27 अगस्त से प्रारंभ होगा, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 6 सितंबर 2025 को होगा।

पौराणिक कथा

भगवान गणेश को लेकर कई सारे किस्से प्रचलित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बचपन में गणेश जी के साथ ऐसी कई परिस्थितियां हुईं, जिनमें उन्हें अपमान महसूस हुआ। दरअसल, उनके भाई कार्तिकेय ने एक बार उनसे कहा कि तुम इतना खाओगे, तो तुम्हारा पेट बड़ा हो जाएगा। तब गणेश जी गुस्से में आकर उन्होंने अपने भाई को सारे लड्डू दे दिए और कहा कि मैं अम्मा से इस बात की शिकायत करूंगा। वे सीधे माता पार्वती के पास पहुंचे और बोले कि अम्मा दादा मुझे मोटा कहते हैं। वे कहते हैं कि मेरा पेट बहुत बड़ा है, मेरी नाक बहुत लंबी है और मैं पेटू हूं। मेरी सूंड का भी मजाक उड़ाया।

माता ने दिखाई ये रुप

इस बात को सुनते ही माता ने उन्हें प्यार से गले लगाया और कहा कि रुको गणेश मैं तुम्हें कुछ दिखाती हूं। तब उन्होंने अपना दिव्य रूप बदला और श्यामला माता के रूप में प्रकट हुईं, जो बहुत ही डरावनी थीं। माता के स्वरूप को देखकर गणपति बहुत अचंभित हो गए। उन्हें समझ में आया कि माता ने असाधारण रूप धारण किया है, जो भले ही डरावना लगे लेकिन वास्तव में उनकी शक्ति का प्रतीक है। तब गणेश जी प्रसन्न हो गए और बोले कि माता आपके पास भी लंबी सूंड जैसी आकृति है, आप भी अधिक खाती हो और आपके पास भी चार भुजाएं हैं। आपका स्वरूप बिल्कुल मेरी तरह है। अब मैं अपने भाई को सबक सिखाऊंगा कि मेरी भिन्नता ही मेरी पहचान और शक्ति है।

इस बात से खुश होकर माता पार्वती ने अपने पुत्र को समझाया कि भगवान हमेशा अलग-अलग गुण सभी को देते हैं, जो भिन्न हो सकते हैं। तुम्हारा बड़ा पेट ज्ञान और सहनशीलता का प्रतीक है। तुम्हारी सूंड चतुराई और शक्ति का प्रतीक है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)