देव उठनी ग्यारस: चार माह बाद नींद से जागेंगे भगवान विष्णु, भूल कर भी ना करें ये काम

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  देव उठनी ग्यारस (Dev Uthni Gyaras) रविवार 14 नवम्बर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि भगवान् विष्णु इस दिन चार महीने की नींद के बाद जागते है और उसके बाद मांगलिक कार्य शादी ब्याह आदि शुरू हो जाते हैं।  इसी दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी होता है।  इसे देव उठनी एकादशी (Dev Uthni Ekadashi), देवोत्थान एकादशी (Devotthan Ekadashi) और प्रबोधनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है।

चार महीने यानि चातुर्मास की निद्रा से जागने पर भगवान विष्णु में आस्था रखने वाले लोग उन स्वागत करते हैं , व्रत उपवास रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं, पटाखे चलाते हैं रोशनी करते हैं। माना जाता है कि जिसपर भगवान विष्णु की कृपा हो जाती है उसे बैकुंठ यानि स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

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तुलसी विवाह होता है, गन्ने का बनता है मंडप 

इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप का तुलसी के साथ विवाह होता है।  मान्यता है कि चार महीने की नींद से जागने के बाद भगवान विष्णु सबसे पहले तुलसी की ही आवाज सुनना पसंद करते हैं इसलिए लोग तुलसी को पूजते हैं कि भगवान की कृपा उनपर भी बनी रहेगी। घरों में और मंदिरों में गन्नों का मंडप बनाकर उसके नीचे भगवान् विष्णु की तस्वीर और तुलसी जी का पौधा रखकर या दीवार पर गेरू से आकृतियां बनाकर पूजा की जाती है, भगवान को गन्ने का रास, बेर, चने की भाजी, मौसमी फल, सब्जियों, पकवान का भोग लगाया जाता है। फिर उठो देव – बैठो देव, क्वारों का ब्याह करो, ब्याहों का गौना करो के उच्चारण के साथ परिक्रमा कर भगवान के सामने सर झुकाते हैं।

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इस दिन ये काम भूल कर भी ना करें 

  • तुलसी का पत्ता ना तोड़ें – देव उठनी ग्यारस को भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप का तुलसी के साथ विवाह होता है इसलिए उस दिन तुलसी जी का पत्ता नहीं तोडना चाहिए।
  • चावल ना खाएं – शास्त्रों में ग्यारस यानि एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित बताया  गया है, देवोत्थान एकादशी तो सबसे बड़ी एकादशी है इसलिए  चावल भूल कर भी नहीं खाएं।
  • तामसिक भोजन ना करें – देव उठनी ग्यारस के दिन आप व्रत रखे तो बहुत अच्छ बात है आप फलाहार करें लेकिन यदि व्रत नहीं रख सकते हैं तो मांस, मदिरा , प्याज लहसुन आदि तामसिक भोजन ना करें, सात्विक भोजन करें।
  • दिन में सोकर इसे ना गंवाएं – देव उठनी ग्यारस का दिन बहुत फलदायी होता है इस दिन को दिन में सोकर व्यर्थ न गंवाएं , दिन में भगवान विष्णु के मन्त्रों का जाप करें, पूजा करें, भगवान के भजन करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, गीता का पाठ करें।
  • वरना लक्ष्मी जी रूठ जाएँगी – कहते हैं कि भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं इसलिए देव उठनी ग्यारस के दिन घर का माहौल अच्छा रखें, घर में सब लोग इस बात का ध्यान रखें की साफ़ सफाई रहे, झगडे ना हों कोई किसी पर क्रोध ना करे वरना लक्ष्मी जी रूठ सकती हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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