Pushya Nakshatra Yog 2023 : इस साल 12 नवंबर के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाने वाला है। दिवाली से महज एक हफ्ते पहले खरीदी करने का शुभ मुहूर्त पुष्य नक्षत्र पर बनता है। इस बार पुष्य नक्षत्र पर 400 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बेहद ही शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह होता है। ऐसे में शनि पुष्य और रवि पुष्य योग का दुर्लभ संयोग इस बार बन रहा है। जो 4 और 5 नवंबर के दिन बनेगा।
आपको बता दे, 4 नवंबर शनिवार सुबह 7.57 मिनट से शुरु होकर पुष्य नक्षत्र 5 नंवबर रविवार सुबह 10.30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। इसका फल भी जातकों को प्राप्त होता है। इस नक्षत्र में गोल्ड, सिल्वर, बर्तन, शिल्प, चित्रकला और पुस्तक खरीदना उत्तम माना जाता है। आज हम आपको पुष्य नक्षत्र पर 400 साल बाद बनने जा रहे दुर्लभ संयोग के बारे में बताने जा रहे हैं साथ ही इससे क्या क्या लाभ जातकों को होगा उसके बारे में भी तो चलिए जानते हैं –
पुष्य नक्षत्र पर बन रहे ये खास संयोग
नवंबर का महीना इस साल का पूरा ग्रह-नक्षत्रों के दुर्लभ योग-संयोगों से भरा हुआ है। इस बार नवंबर में शुक्र गोचर और शनि मार्गी जैसे अहम बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र पर भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। जो बेहद शुभ माना जा रहा है।
दरअसल, इस दिन शनि पुष्य और रविपुष्य के साथ अष्ट महायोग का संयोग बन रहा है। इतना ही नहीं इस दिन अन्य राजयोग भी बन रहे हैं जैसे शंख, लक्ष्मी, शश, हर्ष, सरल, साध्य, मित्र और गजकेसरी योग। ऐसा संयोग करीब 400 साल बाद बन रहा है इस वजह से इस दौरान कीमती चीजों की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जा रही है।
इसके अलावा रियल एस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, जूलरी, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी के लिए भी ये बेहद शुभ साबित होगा। इन योगों के संयोग की वजह से जातकों को अक्षय फल की प्राप्ति होने की संभावना है। इतना ही नहीं जातक इस दौरान घरेलु और ऑफिस में इस्तेमाल होने वाली चीजों को भी खरीद सकते हैं वो भी आपको बेहद लाभ पहुंचाएगी।
इसलिए खास है पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है। इस वजह से इसे राजा माना जाता है। इस नक्षत्र में सोना, चांदी की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। खास बात ये है कि नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है इस वजह से ये और ज्यादा लाभकारी माना। ये स्थिरता प्रदान करते हैं।
खास बात ये है कि इस साल शनि अपनी स्वराशि कुंभ राशि में और देवताओं के गुरु बृहस्पति मेष राशि में विराजमान है। इस वजह से ये दोनों ही मंगलकारी योग का निर्माण कर रहे हैं। जो बेहद शुभ है। इसका लाभ कई राशियों को होने वाला है। जैसे वृषभ, मेष, तुला, धनु और कुंभ राशि के लोगों को इसका पूरा लाभ मिलेगा।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।