Chaitra Navratri: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ, घटस्थापना के दौरान भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियाँ
22 मार्च को घटस्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। लेकिन कुछ लोग अनजाने में कलश स्थापना के दौरान बड़ी-बड़ी गलतियाँ कर जाते हैं। जो बहुत ही अशुभ माना जाता है।
Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च यानी कल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। 6 शुभ योग के साथ मां दुर्गा का आगमन होगा। इस दौरान माँ दुर्गा की पूजा-अराधना करना बहुत ही शुभ होगा। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा भी होती है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 सुबह 6:29 से शुरू होकर सुबह 7:39 तक है। इस दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। लोग कभी-कभी अनजाने में कुछ गलतियों घटस्थापना के दौरान करते हैं। जो बिल्कुल भी शुभ नहीं होता।
दिशा का रखें ख्याल
भूल से भी गलत दिशा में कल स्थापना नहीं करनी चाहिए। उत्तर पूर्व (ईशान कोण) देवताओं की दिशा होती है। इस दिशा में कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है।
संबंधित खबरें -
कलश को घर पर अकेला ना छोड़े
एक बार जब माता के नाम पर घट स्थापित हो जाए तो उसे घर पर अकेला छोड़कर नहीं जाना चाहिए। परिवार का कोई एक सदस्य घर पर जरूर रहें।
इस अवधि में ना करें कलश स्थापना
किचित्रा नक्षत्र और वैधृति योग की अवधि में कलश स्थापना नहीं करना चाहिए। इस योग और नक्षत्र को घट स्थापना के लिए बहुत ही अशुभ माना जाता है।
खंडित कलश खरीदने से बचे
नवरात्रि पर स्थापित करने वाले कलश को अच्छी तरीके से जांच परख कर खरीदें। ध्यान रहे कि कलश कहीं से भी खंडित ना हो।
जवारों को विधि-विधान के साथ प्रवाहित करें
चैत्र नवरात्रि का पर्व समाप्त होने के बाद घट के जवारों को किसी नदी या कुएं में उचित समय पर विधिपूर्वक प्रवाहित करें।
(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)