Shani Dev की पूजा में भूलकर भी न चढ़ाएं ये 2 फूल, मिल सकता है बुरा परिणाम

शनिवार को शनि देव की पूजा के दौरान भूल कर भी इन दो तरह के फूलों को नहीं चढ़ाना चाहिए। अन्यथा, इसका आपको बहुत ही बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

Sanjucta Pandit
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Shani Dev

Shani Dev : शनि देव सभी महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माने जाते हैं। जिनकी चाल भक्तों के जीवन में काफी गहरा प्रभाव डालती है। इनका नाम सुनते ही भक्त थर-थर कांपने लगते हैं। इनके प्रकोप से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है जो सभी लोगों का पाप-पुण्य निर्धारित करते है और उसके अनुसार उसे परिणाम मिलते हैं। बता दें कि जो व्यक्ति जिस प्रकार के कर्म करता है, उसे उसी प्रकार का फल मिलता है। उनकी कुदृष्टि एक बार किसी पर पड़ जाए, तो उसके जीवन में परेशानियों का तूफान आ जाता है।

मान्यता है कि यदि शनि देव किसी से प्रसन्न हो जाए, तो उसे रंक से राजा बना देते हैं। उसके जीवन को खुशियों से भर देते हैं, लेकिन अगर वह उससे नाराज हो गए, तो उस व्यक्ति के जीवन में विनाश का समय आ जाता है। वहीं शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। इस दिन भक्तगण विधिविधान पूर्वक इनकी पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि शनि देव अपनी कृपा दृष्टि उन पर सदैव बनाए रखें।

शनि देव पूजन के नियम (Shani Dev)

पूजा-अर्चना के नियम लगभग हर कोई जानता है, लेकिन क्या आपको मालूम है शनि देव को कौन से फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। यदि आपने भूल से उस फूल को शनि देव की पूजन के दौरान चढ़ा दिए, तो आपको इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

न चढ़ाए ये फूल (Shani Dev Pujan Niyam)

  • हिंदू धर्म में बनाए गए नियमों के अनुसार, शनि देव को भूलकर भी लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। जिनमें गुड़हल, गुलाब, आदि शामिल है। इसके अलावा जो भी लाल रंग के फूल हो, उससे दूर रहे उन्हें ना चढ़ाएं। अन्यथा, आपको इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ेगा।
  • दरअसल, लाल फूल न चढ़ाने के पीछे भी बहुत बड़ी वजह है। ऐसा कहा जाता है कि लाल रंग के फूल का मंगल से सीधा संबंध होता है और किसी भी जातक की कुंडली में मंगल और शनि का एक साथ रहना बहुत अशुभ माना जाता है। इससे बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए लाल फूल चढ़ाना वर्जित माना गया है। ऐसा करने पर शनि देव क्रोधित हो सकते हैं, जिस कारण जीवन में तमाम तरह की परेशानियां और अड़चने आ सकती है, जिससे निपटना बेहद मुश्किल होता है।
  • इसके अलावा, शनि देव के चरणों में गेंदे का फूल चढ़ाना बेहद अशुभ माना जाता है क्योंकि यह फूल सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में दोनों के बीच की अनबन के कारण शनि देव को गेंदे का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। अन्यथा, वह नाराज हो सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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