अहोई अष्टमी पर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, बरसेगी शिव-पार्वती की विशेष कृपा, संतान को मिलेगा दीर्घ आयु का वरदान

5 नवंबर को अहोई अष्टमी है। यह व्रत माताएं अपने संतान के लाभ के लिए करती हैं। इस व्रत को करने से संतान के जीवन में तरक्की होती है।

Ahoi Ashtami 2023: सनातन धर्म में अहोई अष्टमी का बेहद ही खास महत्व होता है। प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 5 नवंबर को रखा जाएगा। माताएं अपने संतान के सुख और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन उपायों को करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से संतान लाभ होता है। सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

संतान की सलामती के लिए उपाय

अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनते समय एक धागे में चांदी की बनी हुई अहोई माता की फोटो और उसमें चांदी से ही निर्मित स्याहु डाल लें और इसे अपने गले में धारण करें। पूजा के दौरान इस माला की पूजा दूध, रोली और अक्षत से करें। कथा सुनने के बाद चाय और शरबत का सेवन करें। फिर रात में तारों को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलें। बच्चों के सलामती की कामना करें और संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने से संतान की उम्र लंबी होती है।

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इस दौरान दूध भारत का भोग लगाएं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। जीवन में खुशहाली आती है।

पीपल पेड़ से जुड़ा उपाय

पीपल पेड़ के नीचे घी के 5 दीपक प्रज्वलित करें और परिक्रमा करें। ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं। मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

भगवान गणेश की पूजा

अहोई अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा जरूर करें। इस दिन से लेकर इस 45 दिनों तक गणपति बप्पा को बेलपत्र अर्पित करें। ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं और अन्य माध्यम पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)