Gangajal: हिंदू धर्म में गंगाजल का विशेष महत्व है। गंगाजल को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंगाजल छिड़कने से सभी दोष और पाप दूर हो जाते हैं। गंगाजल को मोक्ष का प्रतीक भी माना जाता है। गंगाजल को पूजा-पाठ, शुद्धिकरण, अभिषेक आदि में उपयोग करने से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। इतना ही नहीं गंगाजल का उपयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में भी किया जाता है। गंगाजल एक प्राकृतिक जल है, जिसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। गंगाजल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है
गंगाजल के क्या-क्या लाभ होते हैं
1. हिंदू धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र माना गया है। गंगाजल ना तो कभी खराब होता है ना ही कभी अशुद्ध होता है। गंगाजल को जितना चाहे उतने लंबे समय तक रख सकते हैं।
2. सूर्य चंद्र ग्रहण के दौरान घर में गंगाजल छिड़कने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाता है। गंगाजल को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
3. गंगाजल से शरीर की शुद्धि होती है, मन की शांति होती है, आत्मा की शुद्धि होती है और घर में सुख शांति बनी रहती है
गंगाजल रखने के क्या-क्या नियम होते हैं
1. गंगाजल को हमेशा तांबे, चांदी, मिट्टी या कांसे के बर्तन में रखना चाहिए। गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में कभी नहीं रखना चाहिए। प्लास्टिक का बर्तन गंगाजल रखने के लिए अशुद्ध माना गया है।
2. गंगाजल को कभी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए। गंगाजल को सबसे पवित्र जल माना गया है।
3. गंगाजल को कभी भी झूठे हाथों या जूते चप्पल पहनकर न छुएं। इस जल को हमेशा साफ हाथों से छुए।
4. गंगाजल को कभी भी किसी गंदे या अवित्र स्थान पर ना डालें। इसका उपयोग हमेशा पवित्र कार्य और पवित्र स्थान पर ही करें
5. गंगाजल को कभी भी किसी गलत कार्य में ना प्रयोग करें। इस जल का प्रयोग हमेशा शुभ कार्यों में ही करें।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न धार्मिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर लिखा गया है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)





