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Sun, Dec 7, 2025

भारत का इकलौता मंदिर जहां हनुमान जी हैं डॉक्टर, मूर्ति के दर्शन मात्र से असाध्य रोग हो जाते हैं दूर!

Written by:Sanjucta Pandit
भारत के इस धाम में हनुमान जी को डॉक्टर के रूप में पूजा जाता है। उनकी 300 साल पुरानी नृत्य मूर्ति और भभूत से गंभीर रोग ठीक होते हैं। भक्त भंडारे में प्रसाद लेकर जीवन में आशीर्वाद पाते हैं।
भारत का इकलौता मंदिर जहां हनुमान जी हैं डॉक्टर, मूर्ति के दर्शन मात्र से असाध्य रोग हो जाते हैं दूर!

राम भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) की गाथाएं हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं, जिन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में भी हनुमान जी उपस्थित है। कभी भी किसी मनुष्य को डर लगता है, तो वह हनुमान मंत्र या हनुमान जी का नाम लेता है, जिससे सारे भय दूर हो जाते हैं। उनकी गाथाएं किसी से भी छूपी नहीं है। रामायण कथा के अनुसार, भगवान श्री राम ने बजरंगबली को कलयुग में उनके भक्तों की सहायता करने का दायित्व सौंपा था। कल्कि पुराण और विष्णु पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है। भारत में राम भक्त हनुमान की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इनकी देशभर में कई जगह पर ऊंची-ऊंची प्रतिमाएं स्थापित है, जहां विधि-विधान पूर्वक उनकी आराधना होती है। हनुमान जी को लेकर कई सारी कथाएं भी सनातन धर्म में प्रचलित हैं।

भगवान श्री राम के परम भक्त होने के साथ-साथ, वे भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं, जिनकी पूजा खास तौर पर मंगलवार शनिवार को विशेष पूजा को की जाती है। उनकी मूर्तियां अक्सर लाल या सुनहरे रंग में होती हैं, हाथ में गदा लिए और कभी-कभी उड़ते हुए दिखाई देते हैं।

इकलौता मंदिर

हालांकि, आज हम भारत के उस इकलौते मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां हनुमान जी डॉक्टर हैं। जी हां! बिल्कुल सही सुना आपने… दरअसल, यह मध्य प्रदेश के भिंड जिले के डंदरौआ धाम में स्थित है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की 300 साल पुरानी नृत्य करती हुई मूर्ति के दर्शन मात्र से ही असाध्य रोग दूर हो जाते हैं। यह मंदिर किसी सामान्य पूजा स्थल की तरह नहीं है। यहां हनुमान जी को डॉक्टर के रूप में पूजा जाता है और उनके आशीर्वाद से लोगों की बीमारियां चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाती हैं।

नृत्य करती मूर्ति

स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर में किसी औषधि या दवा का प्रयोग नहीं होता। सिर्फ़ हनुमान जी की भभूत और उनकी आस्था से रोगों का नाश होता है। डंदरौआ धाम वर्षों से उन लोगों के लिए आखिरी उम्मीद रहा है, जिन्हें कैंसर है और बड़े-बड़े डॉक्टर भी जवाब दे चुके होते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर में नृत्य करती मूर्ति को देखना और हनुमान जी की भभूत लेने से इतनी गंभीर बीमारी भी पूरी तरह ठीक हो जाती है। जब उनके पास कोई उम्मीद नहीं बचती, तब वह भगवान के दर पर अवश्य आते हैं। जिनकी मनोकामना पूर्ण होने पर वह यहां वापस उनकी पूजा करने पहुंचते हैं।

कथा

कहा जाता है कि वर्षों पहले यहां शिवकुमार दास नामक एक साधु रहते थे, जो गंभीर कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे। शिवकुमार दास हनुमान जी के परम भक्त थे। रोज़ाना वे मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करते और उनसे अपने स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगते। एक दिन उनके श्रद्धा और भक्ति से प्रभावित होकर हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए, लेकिन इस बार वे डॉक्टर के रूप में प्रकट हुए। इसके बाद साधु की बीमारी चमत्कारिक रूप से ठीक हो गई और तब से यह मंदिर पूरे देश में ‘डॉक्टर हनुमान’ के रूप में जाना जाने लगा।

भंडारा किया जाता है आयोजित

बता दें कि भक्तों के लिए यहां प्रतिदिन भंडारा भी आयोजित किया जाता है। इस भंडारे की खासियत यह है कि लाखों लोगों के लिए बनने वाला प्रसाद कभी छोटी-छोटी कढ़ाई में नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी कढ़ाईयों में बनाया जाता है। यहां आने वाले लाखों भक्त जय बजरंगबली के जयकारों के साथ धन्यवाद देने पहुंचते हैं। यहां देश ही नहीं, बल्कि विश्व भर से लोग आते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)