मंदिर में प्रवेश करते समय भूलकर भी ना करें ये 3 गलती, पूजा-पाठ करना हो सकता है व्यर्थ

भारत में मंदिर सिर्फ पूजा करने की जगह नहीं होते, बल्कि ये आस्था, श्रद्धा और ऊर्जा का केंद्र होते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में की गई कुछ छोटी गलतियां भगवान को नाराज़ कर सकती हैं। खासकर जब आप मंदिर में चमड़े की चीजें लेकर प्रवेश करते हैं, तो वो ना सिर्फ अशुद्धि फैलाती हैं बल्कि आपकी पूजा का फल भी प्रभावित कर सकती हैं। 

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और श्रद्धा का प्रतीक होता है। यही वजह है कि मंदिरों में देवी-देवताओं की उपासना करते समय हर नियम का पालन (Temple Rules) करना जरूरी माना गया है। मान्यता है कि मंदिर एक पवित्र स्थान होता है, जहां हर छोटी-बड़ी बात का असर आपकी पूजा पर पड़ सकता है।

अगर आप मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो वहां प्रवेश करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। कई बार अनजाने में की गई गलतियां भगवान को रुष्ट कर सकती हैं और पूजा-पाठ का पूरा फल व्यर्थ चला जाता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि भगवान की कृपा बनी रहे, तो मंदिर में प्रवेश से पहले इन जरूरी नियमों को जरूर जानें और पालन करें।

मंदिर में चमड़े की चीजें ले जाना क्यों माना जाता है अशुभ?

मंदिरों को हमेशा पवित्र स्थान माना गया है। यहां पर प्रवेश से पहले लोग स्नान करते हैं, साफ वस्त्र पहनते हैं और शरीर, मन को शुद्ध करते हैं। लेकिन अगर आप पूजा के समय या मंदिर परिसर में चमड़े से बनी चीजें जैसे पर्स, बेल्ट, जूते या वॉच स्ट्रैप लेकर जाते हैं, तो यह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुद्धि फैलाता है। दरअसल, चमड़ा मृत जानवरों की खाल से बनता है, और हिंदू धर्म में मृत जीवों से बनी चीजों को मंदिर में ले जाना वर्जित माना गया है। इससे भगवान की कृपा मिलने की जगह उल्टा नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है।

चमड़े के अलावा ये चीजें भी ना ले जाएं मंदिर में

मंदिर में सिर्फ चमड़ा ही नहीं, बल्कि कुछ और चीजें भी ऐसी हैं जो वहां नहीं ले जानी चाहिए। इनमें धूप, सिगरेट, शराब, गुटखा या किसी भी नशे का सामान, प्लास्टिक की थैली, मोबाइल फोन, तेज गंध वाले परफ्यूम आदि शामिल हैं। ये चीजें न सिर्फ वहां की पवित्रता को खराब करती हैं, बल्कि दूसरों की भावना को भी ठेस पहुंचा सकती हैं। कई बार लोग मंदिर में वीडियो या फोटो बनाने लगते हैं, जो अनुशासन और भक्ति दोनों को भंग करता है। ध्यान रखें, मंदिर में जाने का मतलब है शांत चित्त और श्रद्धा के साथ भगवान से जुड़ना, न कि सोशल मीडिया के लिए कंटेंट बनाना।

मंदिर जाने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान

मंदिर जाने से पहले कुछ जरूरी नियमों का पालन करके हम ना सिर्फ भगवान की कृपा पा सकते हैं, बल्कि खुद को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं। सबसे पहले, स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें। अगर आप स्त्री हैं और पीरियड्स में हैं, तो मंदिर प्रवेश को टालें क्योंकि यह धार्मिक रूप से उचित नहीं माना गया है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल बाहर निकालें, मोबाइल साइलेंट मोड पर करें या बंद ही रखें। मंदिर में चुपचाप दर्शन करें, फालतू बातचीत, हंसी-मजाक या सेल्फी से बचें।

अगर आप भगवान को कुछ चढ़ा रहे हैं, तो ताज़े फल, फूल और शुद्ध सामग्री ही प्रयोग करें। खराब या बासी चीजें चढ़ाने से पूजा का कोई असर नहीं होता। ये सारी बातें ना केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ज़रूरी हैं, बल्कि हमारी भक्ति और आस्था की सच्ची परीक्षा भी होती हैं।

धार्मिक मान्यताओं को समझें और उनका सम्मान करें

हम अक्सर सोचते हैं कि भगवान तो हमारे मन के भाव देखते हैं, बाहरी चीजें क्या फर्क डालती हैं? लेकिन हकीकत यह है कि मन की भक्ति तभी असर करती है जब आप उसकी सही दिशा में अभिव्यक्ति करते हैं। धार्मिक रीति-रिवाज हमारे जीवन को अनुशासित करने के लिए बनाए गए हैं। मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर हमारी हर हरकत, हर सोच का असर होता है।

आजकल कई लोग धार्मिक बातों को ‘ओल्ड फैशन’ समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब हम आस्था के साथ पूजा करते हैं, तो हर नियम का अपना एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण होता है। मंदिर में प्रवेश करते समय इन छोटी बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपकी भक्ति भी पूरी होगी और भगवान की कृपा भी आप पर बनी रहेगी।

 


About Author
Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News