Wed, Dec 24, 2025

बसंत पंचमी पर न करें यह गलती, नहीं तो मां सरस्वती हो सकती हैं नाराज़

Written by:Bhawna Choubey
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बसंत पंचमी 2025 का दिन खासतौर पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है. इस दिन मां सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं.
बसंत पंचमी पर न करें यह गलती, नहीं तो मां सरस्वती हो सकती हैं नाराज़

सनातन धर्म में बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है. यह त्योहार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है,जो की प्रकृति परिवर्तन के साथ सर्दी और गर्मी के बीच का सुहावना मौसम लेकर आती है.

इस समय खेत सरसों की पीली फ़सल से ढके हुए होते हैं जो एक तरीक़े से बसंत का स्वागत करते हैं. बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है. इस बार प्रयागराज में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया गया है, बसंत पंचमी के दिन प्रयागराज में चौथा शाही स्नान आयोजित होगा. जहाँ इस दिन करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करेंगे.

साल 2025 में कब है बसंत पंचमी का त्योहार?

साल 2025 मी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फ़रवरी 2025 रविवार को पड़ रही है, इस दिन बसंत पंचमी का त्योहार देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा.

इस दिन विशेष रूप से ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के प्रकट होने का दिन माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति को उनके आशीर्वाद से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है.

पीले रंग का विशेष महत्व (Basant Panchami 2025)

बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. अर्घ्य देने के बाद पीले वस्त्र पहनकर विधि-विधान से माँ सरस्वती पूजन करना बहुत अच्छा माना जाता है. इस पूजा में माँ सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र , भोग और पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है.

बसंत पंचमी के दिन क्या काम करना चाहिए

आप भोग में पीले मीठे चावल बना सकते हैं या फिर आप केसर की खीर भी बना सकते हैं. इसके अलावा हल्दी की गाँठ भी अर्पित कर करें. इस दिन अपनी बही खाते, पेन पेपर और अन्य रजिस्टरों की पूजा करना शुभ माना जाता है.

ऐसा करने से व्यापार और कामकाजी जीवन में सफलता और तरक़्क़ी के द्वार खुलते हैं. इस दिन की पूजा से माँ सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि में वृद्धि करती है.

बसंत पंचमी के दिन क्या काम नहीं करना चाहिए

बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से कुछ आचार-व्यवहारों का पालन करना चाहिए. इस दिन पेड़-पौधों को बिलकुल भी नहीं काटना चाहिए, यह दिन बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है. पेड़-पौधों को नुक़सान पहुँचाना प्रकृति का अपमान माना जाता है.

इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं. इससे दिन व्रत करना , शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करना बहुत लाभकारी होता है. साथ ही अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और किसी के प्रति कठोर शब्दों का प्रयोग न करें.