महाभारत भारत का प्राचीन धर्म ग्रंथ है, जिसमें हमें बहुत सारी चीजों का ज्ञान मिलता है। कुरुक्षेत्र की धरती पर लड़ी गई युद्ध 18 दिनों तक चली थी, जो कि दो परिवार के लोग ही शामिल थे। इसके लिए बहुत सारे सेनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि सृष्टि की रचना उन्होंने की है और वह स्वयं भगवान विष्णु का स्वरूप है। उनकी इच्छा अनुसार एक भी पत्ता नहीं हिलता है। इसलिए मनुष्य को केवल अपने कर्म करने चाहिए, बिना फल की उपेक्षा किए। वहीं, महाभारत में एक पात्र द्रौपदी का भी रहा है।
हिंदू महाकाव्य का प्रमुख पात्र रही द्रौपदी को पंच कन्याओं में गिना जाता है, जिनकी वर्तमान में कई स्थानों पर मूर्ति भी स्थापित है और विधिविधानपूर्वक पूजा अर्चना भी की जाती है।
यहां होती है द्रौपदी की पूजा
आज के आर्टिकल में हम आपको भारत के उन स्थानों के बारे में बताएंगे, जहां द्रौपदी की पूजा की जाती है। यह मंदिर पांडवों को ही समर्पित है। इनका रहस्य और यहां की मान्यता इन्हें बाकी सभी मंदिरों से अलग बनाती है। बहुत कम ही लोगों को इस बात की जानकारी है कि द्रौपदी का मंदिर भी भारत में मौजूद है।
श्री धर्मराज द्रौपदी मंदिर
दरअसल, इस मंदिर का नाम श्री धर्मराज द्रौपदी मंदिर है, जो कि बेंगलुरु में स्थित है। यहां देवी द्रौपदी के साथ-साथ पांडवों की भी पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर का इतिहास लगभग 500 साल पुराना बताया जाता है, जिसका निर्माण वहां के क्षत्रिय राजाओं ने करवाया था। यहां पर कारगा उत्सव भी मनाया जाता है। मंदिर में सुबह-शाम विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। आसपास के लोग यहां पहुंचते हैं और श्रद्धा भाव से देवी से अपने परिवार की कामना और सुख-शांति की प्रार्थना करते हैं।
द्रौपदी अम्मन मंदिर
तमिलनाडु के कोठामंगलम में द्रौपदी अम्मन मंदिर स्थित है, जो कि देवी द्रौपदी को समर्पित है। यह सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां शक्ति और न्याय की देवी के रूप में उनकी पूजा की जाती है। मंदिर प्रांगण में हर साल थीमिथि नाम का एक आयोजन किया जाता है। इस दौरान भक्त अग्नि पर चलते हैं। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से उनके सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि यह अग्नि आपको जलाती नहीं है, बल्कि इससे आपके शरीर का शुद्धिकरण हो जाता है।
मेलपदी द्रौपदी अम्मन मंदिर
इसके अलावा, तमिलनाडु के वेल्लोर में मेलपदी द्रौपदी अम्मन मंदिर स्थित है, जो कि इस जिले का काफी प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। यहां उन्हें धैर्य और पवित्रता की देवी के रूप में पूजा जाता है। लोग उन्हें मां कहकर संबोधित करते हैं। इतिहासकारों की मानें, तो इस मंदिर का निर्माण चोल काल में हुआ था। स्थानीय लोगों की ऐसी मान्यता है कि देवी द्रौपदी उनकी सभी विपदाओं में रक्षा करती हैं।
जिंजी द्रौपदी मंदिर
वहीं, तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में जिंजी द्रौपदी मंदिर स्थापित है, जिसका इतिहास 300 साल से ज्यादा पुराना माना जाता है। यहां पर उनके मां काली के स्वरूप की पूजा की जाती है।
आप भी जाएं
यदि आप भी कभी द्रौपदी की पूजा करना चाहते हैं, तो भारत में स्थित उनके मंदिरों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहां आपको अलग-अलग प्रचलित कथाएं सुनने और जानने का मौका मिलेगा। साथ ही आपको महाभारत के बारे में यहां बहुत सारी चीजें देखने को मिलेंगी। इन मंदिरों की शैली काफी अलग और आकर्षक है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





