शनि देव के मार्गी होने से इन 4 राशियों को होगा नुकसान, दुष्प्रभावों से बचने के लिए जरूर करें ये काम

शनि अभी वक्री होकर उल्टी चाल चल रहे हैं जो कि 4 नवंबर को राशि परिवर्तन करने वाले हैं। तो जानिए इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए ये काम जरूर करें...

Shani Dev 2023 : शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता और कर्मकारक ग्रह माना जाता है जो कि व्यक्ति के जीवन पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। वे व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर अच्छे या बुरे फल देते हैं। जिससे बचने के लिए शनिवार को शनि देव की विशेष रूप से पूजा की जाती है और लोग उन्हें न्याय के प्रतीक के रूप में पूजते हैं। इसके अलावा, शनि को गुस्से वाला देवता माना जाता है। इसलिए सभी लोग उनके प्रभाव से बहुत डरते हैं।

शनि देव के मार्गी होने से इन 4 राशियों को होगा नुकसान, दुष्प्रभावों से बचने के लिए जरूर करें ये काम

फिलहाल, शनि अभी वक्री होकर उल्टी चाल चल रहे हैं जो कि 4 नवंबर को राशि परिवर्तन करने वाले हैं, जिससे मेष राशि, वृषभ राशि, सिंह राशि और मीन राशि बहुत बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए ये काम जरूर करें…

दुष्प्रभावों से बचने के लिए जरूर करें काम

  • शनि के मंत्रों का नियमित जप करना आपके लिए उपयोगी हो सकता है। इसलिए पूजा के दौरान आप “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  • नीलम एक प्रसिद्ध रत्न है, जिसे धारण करने से शनि के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही यह आपके जीवन में स्थिरता और संतुलन रखते हैं।
  • गरीबों को खाना खिलाना और चारित्रिक दान करना शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है। धर्मिक दान और सेवा करने से व्यक्ति अपने आत्मा को शुद्धि देता है।
  • पीपल वृक्ष को हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है। इसके नीचे दान करना और अगरबत्ती जलाना आत्मा को शुद्धि और शांति का अहसास कराता है। साथ ही यह शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है।
  • शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मांस और मदिरा का सेवन करने से बचे। इससे आत्मिक और मानसिक शुद्धि में अड़चन हो सकती है जो कि शनि के प्रभाव को बढ़ा सकता है। साथ ही व्यक्ति को गलत कामों से बचना चाहिए। इसके अलावा, व्यक्ति को अच्छे चरित्र का पालन करना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का पाठ शनि के दुष्प्रभाव को कम करने और उनके क्रोध से बचने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, आज शनिवार को शिवलिंग का जलाभिषेक कर शिव पूजा करें। जिससे शनि के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • गायत्री युक्त शनि मंत्र ‘ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्’ का जाप करें जो कि एक प्रसिद्ध और पवित्र मंत्र है। इससे आपके जीवन में दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस मंत्र का जाप विशेष रूप से शनिवार को किया जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)