हिंदू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि का दाता माना जाता है। उनकी पूजा-अर्चना का विशेष महत्व भी होता है। महाराष्ट्र में विघ्नहर्ता बप्पा की धूमधाम से पूजा की जाती है, जिसे गणेश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर महीने में 2 बार चतुर्थी का व्रत किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन 108 नाम का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 मई को सुबह 4:02 पर शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी 17 मई को सुबह 5:13 पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, एकदंत संकष्टी चतुर्थी का पर्व 16 मई को मनाया जाएगा।

बन रहे ये योग
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सुबह 7:15 तक सिद्ध योग है। इसके बाद साध्य योग का सहयोग बना रहा है। इसके अलावा, पूरे दिन शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान महादेव सहित माता पार्वती और गणपति जी की पूजा-अर्चना करने पर साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।
ऐसे करें पूजा
- इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करके चौकी साफ करें।
- उसमें भगवान गणपति की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
- प्रसाद के तौर पर तिल, गुड़, लड्डू, चंदन और मोदक अर्पित करें।
- “ॐ गं गणपतये नम:” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
- गणेश स्तुति, गणेश चालीसा और संकट चौथ का व्रतका पाठ करें।
- पूजा खत्म होने के बाद अंत में आरती करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।
महत्व
सनातन धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि, बल और विवेक का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा-अर्चना करने वाले जातकों के जीवन में हमेशा उपलब्धि हासिल होती है। वह तरक्की के रास्ते में तेजी से आगे बढ़ते हैं। बप्पा अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। इसलिए विघ्नदाता भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से उनके आशीर्वाद से जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति आती है। यह व्रत जीवन के सभी संकटों को दूर करने में सहायक माना जाता है, जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। वे इस दिन व्रत करने से विशेष फल प्राप्त करते हैं। यह व्रत कुंडली में मौजूद दोषों को दूर करता है।
लगाएं ये भोग
- यदि आप भी भगवान गणेश को इस व्रत के जरिए प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनके प्रिय चीजों का भोग लगे, जिससे मनचाहा वर प्राप्त होगा। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
- आप गणपति बप्पा को मोदक का भोग लगा सकते हैं, जो कि उनका अति प्रिय भोजन माना जाता है। इससे वह अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं, जिससे जातकों की सभी मुरादे पूरी होती है।
- इसके अलावा, गणपति बप्पा को लड्डू का भोग लगाया जा सकता है। यह मोतीचूर के लड्डू हो, तो वह अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)