Fri, Dec 26, 2025

शनिवार का व्रत रखने से मिलती है शनि दोष से मुक्ति, जानें नियम, महत्व और पूजा विधि

Written by:Bhawna Choubey
Published:
शनिवार का व्रत रखने से मिलती है शनि दोष से मुक्ति, जानें नियम, महत्व और पूजा विधि

Shanivar Vrat: सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी ने किसी देवी देवताओं को जरूर पूजा जाता है। प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित रहता है। आज हम बात कर रहे हैं शनिवार की, शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित करता है। कुंडली में मौजूद शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए लोग शनिवार के दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं और शनि देव के नाम का व्रत करते हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहां जाता है। शनि देव भक्तजनों को उनके अच्छे कर्मों के लिए फल देते हैं और बुरे कर्मों के लिए दंड देते हैं। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को व्रत रखने की सलाह दी जाती है।

क्या है शनिवार व्रत का महत्व

शनिवार के दिन शनि भगवान देवता, शनि देव और बटुका का भैरव की पूजा की जाती है। प्रत्येक शनिवार के दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से भक्तजनों को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनिवार को व्रत रखने से व्यक्तिगत रोग मुक्त होता है और आयु में वृद्धि होती है। कठिन परिश्रम, अनुशासन और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

शनिवार व्रत की पूजा विधि क्या है

शनिवार का व्रत शनि देव को समर्पित होता है। शनि देव को काले तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द अत्यंत प्रिय है। इसलिए शनिवार के दिन पूजा के दौरान इन वस्तुओं का उपयोग जरूर करना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर साफ और सुथरे कपड़े पहनकर शनि देव का स्मरण करना चाहिए। इस दिन चिटियों को आटा डालना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान शनि देव की कथा जरूर सुनना चाहिए।

शनिवार व्रत के नियम क्या है

शनिवार के दिन केवल एक बार ही भजन किया जाता है। भोजन में केवल सात्विक आहार ही खाना चाहिए। पान, सुपारी, मांस, मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। झूठ बोलना, चोरी करना, क्रोध करना आदि बुरे कामों से बचना चाहिए।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)