Chanakya Niti : प्राचीन भारत के अर्थशास्त्री और विद्वान आचार्य चाणक्य शाही सलाहकार होने के साथ-साथ कई ग्रथों के रचयिता भी हैं। जिसमें उन्होंने जीवन के हर पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की है। जिसे अपने जीवन में अपनाने वाला हर एक व्यक्ति सफल और नेक इंसान बनता है। आचार्य चाणक्य का परिचय अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के रुप में भी है, जहां उन्होंने अपनी सलाह देकर चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनने में मदद की थी। इसके बाद एक समृद्ध राज्य का निर्माण हुआ, जहां सभी लोग सुखी और संपन्न हुए।
चाणक्य नीति में अनेकों ऐसी बातें बताई गई है, जो व्यक्तिगत जीवन में घटित हो रही होती है। उनके अनुसार, व्यर्थ की चिंता से शरीर की हानि होती है। इसलिए भविष्य की चिंता ना करते हुए वर्तमान को अच्छी तरह से जीने की नीति बताई है।

ना करें भविष्य की चिंता
चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि यदि भूतकाल और भविष्य काल की चिंता छोड़ दी जाए, तो वर्तमान अपने आप अच्छा हो जाता है। यदि वर्तमान सही रहेगा, तो भविष्य अपने आप सुखी और समृद्धि बन जाएगा। इसके लिए आपको वर्तमान में जीना होगा, क्योंकि होता वही है जो व्यक्ति की किस्मत में लिखा होता है।
विवाद से रहें दूर
चाणक्य नीति में बताया गया है कि किसी भी संबंध को बचाए रखने के लिए विवाद को त्याग देना चाहिए। यदि छोटी-छोटी बातों पर चुप रहना उचित है, जिससे रिश्ते में दरार ना पड़े, तो वहां मुंह बंद कर लेना ही समझदारों की पहचान है।
कौवे के इस गुण से लें सीख
चाणक्य नीति में पशु पक्षियों के गुणों का भी वर्णन किया गया है। यदि इंसान कौवे के गुण को सीख लें, तो वह धन की कमी से नहीं परेशान होगा। जैसे कौवा हमेशा अकेला ही अपना भोजन जमा करता है। इस दौरान वह आलस नहीं दिखता। यदि इस गुण को व्यक्ति सीख ले, तो वह अकेला भी जीवनयापन कर सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)