गणेश चालीसा पढ़ने से खुलते हैं सौभाग्य के द्वार, बुधवार को ऐसे करें पाठ और पाएं बप्पा का आशीर्वाद

Ganesh Chalisa: हर बुधवार को गणेश चालीसा का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और गणपति बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाती है।​

हफ़्ते का तीसरा दिन यानी बुधवार, भगवान गणेश को समर्पित माना जाता था। इस दिन लोग सुबह सुबह स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं और उन्हें ख़ास चीज़ें अर्पित करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की रुकावट दूर होती है और घर में हमेशा सुख शांति बनी रहती है।

अगर आप भी गणपति बप्पा की कृपा पाना चाहते हैं, तो बुधवार को गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ अवश्य करें। ऐसा माना जाता है कि इस बात को पूरी श्रद्धा से करने पर भगवान गणेश ख़ुश होते हैं, बुध ग्रह की परेशानियां दूर होती है, साथ ही साथ लंबे समय से हुए काम भी बन जाते हैं।

गणेश चालीसा

दोहा

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

चौपाई

जय जय जय गणपति गणराजू।
मंगल भरण करण शुभः काजू॥
जै गजबदन सदन सुखदाता।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजत मणि मुक्तन उर माला।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित।
चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता।
गौरी लालन विश्व-विख्याता॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे।
मुषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी।
अति शुची पावन मंगलकारी॥
एक समय गिरिराज कुमारी।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा॥
अतिथि जानी के गौरी सुखारी।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला।
बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना।
पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस कही अन्तर्धान रूप हवै।
पालना पर बालक स्वरूप हवै॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा।
देखन भी आये शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं।
बालक, देखन चाहत नाहीं॥
गिरिजा कछु मन भेद बढायो।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो॥
कहत लगे शनि, मन सकुचाई।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ॥
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा॥
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी॥
हाहाकार मच्यौ कैलाशा।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो।
काटी चक्र सो गज सिर लाये॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन, भरमि भुलाई।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई।
शेष सहसमुख सके न गाई॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीना पर कीजै।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥

दोहा

श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश॥

गणेश चालीसा का महत्व और लाभ

गणेश चालीसा एक 40 छंदों की भक्ति रचना है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह चालीसा राम सुंदर प्रभु दास द्वारा रचित मानी जाती है, हालांकि कुछ लोग इसे तुलसीदास जी की रचना भी मानते हैं। हर छंद में भगवान गणेश के किसी विशेष गुण या आशीर्वाद का वर्णन होता है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ने से भक्त को विशेष फल प्राप्त होते हैं।​

गणेश चालीसा के नियमित पाठ से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। स्वास्थ्य में सुधार आता है। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।​ विशेष रूप से बुधवार को गणेश चालीसा का पाठ करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है, क्योंकि यह दिन उन्हें समर्पित है।​

बुधवार को गणेश चालीसा का पाठ कैसे करें?

बुधवार को गणेश चालीसा का पाठ करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर के पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और उन्हें फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें। इसके बाद श्रद्धा और भक्ति के साथ गणेश चालीसा का पाठ करें।​

यदि संभव हो तो बुधवार को उपवास रखें और दिन में कम से कम एक बार गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें। इससे भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।​

गणेश चालीसा के पाठ से जुड़े अन्य उपाय

बुधवार को हरे रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि यह रंग भगवान गणेश को प्रिय है। गणेश चालीसा के पाठ के बाद भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। पाठ के समय “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जप करें। गणेश चालीसा का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और भगवान गणेश के स्वरूप का ध्यान करें।​ इन उपायों को अपनाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है।​

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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