गणेश उत्सव का हर दिन अपने आप में खास महत्व रखता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सुख-संपत्ति का देवता माना गया है, इसलिए श्रद्धालु इस पूरे उत्सव के दौरान अलग-अलग विधियों और पूजन से उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। खासतौर पर गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन किए गए उपाय और विधियां बेहद फलदायी मानी जाती हैं।
भारत के हर कोने में इस पर्व का उत्साह देखने को मिलता है। ढोल-ताशों की गूंज, भक्ति गीतों का माहौल और गणपति बप्पा की जय-जयकार हर गली-मोहल्ले में गूंजती है। लेकिन धार्मिक मान्यता कहती है कि सिर्फ भक्ति ही नहीं, बल्कि सही दिन और सही विधि से पूजा करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद कई गुना बढ़ जाता है। तीसरे दिन के कुछ खास कार्य आपको सिर्फ सुख-शांति ही नहीं बल्कि धन-संपत्ति का वरदान भी दिला सकते हैं।
तीसरे दिन का महत्व
गणेश उत्सव का तीसरा दिन देवी-देवताओं की विशेष पूजा और आराधना से जुड़ा हुआ है। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन भगवान गणेश को कुछ खास भोग और मंत्र अर्पित करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
तीसरे दिन कौन-से काम करना है जरूरी?
1. दुर्वा और मोदक का भोग
भगवान गणेश को दुर्वा और मोदक बेहद प्रिय हैं। तीसरे दिन अगर भक्त इन्हें भोग स्वरूप अर्पित करें और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें, तो माना जाता है कि घर की आर्थिक परेशानियां खत्म होती हैं। यह उपाय धन लाभ और व्यापार में उन्नति के लिए भी कारगर है।
2. लक्ष्मी गणेश की संयुक्त पूजा
धन और वैभव की देवी लक्ष्मी, गणेश जी के साथ पूजने पर विशेष फल देती हैं। तीसरे दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की संयुक्त आराधना से घर में स्थायी सुख-समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन दीपक जलाकर संयुक्त आरती करने से घर की दरिद्रता हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
3. दान-पुण्य का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि गणेश उत्सव के तीसरे दिन गरीब और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या मिठाई दान करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान दस गुना फल देता है और यह पुण्य सीधे परिवार की आर्थिक उन्नति में सहायक होता है।





