Fri, Dec 26, 2025

गणेश विसर्जन के दिन रवि योग का होगा निर्माण, जानें शुभ मुहूर्त यहां

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होता है, जब लोग नाम आंखों से गणपति बप्पा को विदा करते हैं।
गणेश विसर्जन के दिन रवि योग का होगा निर्माण, जानें शुभ मुहूर्त यहां

Ganesh Visarjan 2024 : हमारे देश में हर महीने कोई ना कोई त्योहार मनाया जाता है। जिनमें कुछ त्योहार ऐसे हैं, जिसे पूरे देश भर में मनाया जाता है, तो कुछ त्योहार ऐसे हैं जिन्हें रीजनल क्षेत्र में मनाया जाता है। हर त्योहार का अपना अलग-अलग महत्व होता है। इसके अलावा, गणेश उत्सव भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। खासकर यह महाराष्ट्र में बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। 10 दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव का समापन भी ढोल नगाड़ों के साथ किया जाता है। इन 10 दिनों के दौरान भक्त अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होता है, जब लोग नाम आंखों से गणपति बप्पा को विदा करते हैं।

जीवन में आती है खुशहाली

ऐसी मान्यता है कि गणपति बप्पा अपने भक्तों के सारे दुख, तकलीफ, कष्ट हर लेते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लेकर आते हैं। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो इस बार गणेश विसर्जन के दिन भद्रा और पंचक है। इसके अलावा, इसी दिन विश्वकर्मा पूजा और अनंत चतुर्दशी भी मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर को गणेश विसर्जन किया जाएगा। आप सुबह 06 बजकर 07 मिनट से गणेश विसर्जन कर सकते हैं। इस साल गणपति विसर्जन वाले दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है जो कि सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 01 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त पर गणपति जी का विसर्जन करने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि आएगी, क्योंकि रवि योग को लोगों के जीवन के लिए काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।

ऐसे दें विदाई

गणेश जी को विसर्जित करने के लिए लोग बड़े-बड़े तालाब में जाते हैं या फिर समुद्र में उनका विसर्जन किया जाता है। वहीं, जहां पर समुद्र या तालाब नहीं है या फिर घर से काफी दूर है, तो वहां लोग घर पर ही बाल्टी या बड़े तब में गणपति जी की मूर्ति को विसर्जित कर देते हैं। बता दें कि विसर्जन से पहले गणेश जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही फल-फूल का भोग भी लगाया जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)