Tue, Dec 30, 2025

आज है गंगा सप्तमी, इस खास दिन ऐसे करें गंगा पूजन, जानें शुभ स्नान-दान का समय और धार्मिक महत्व

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Ganga Saptami 2025: गंगा सप्तमी 2025 में गंगा पूजन का खास महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान और व्रत से सभी पाप दूर होते हैं। जानिए इस शुभ दिन की पूजा विधि, महत्व और स्नान-दान का सही मुहूर्त।
आज है गंगा सप्तमी, इस खास दिन ऐसे करें गंगा पूजन, जानें शुभ स्नान-दान का समय और धार्मिक महत्व

गंगा सप्तमी हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इसको मां गंगा के धरती पर अवतरण का दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन माँ गंगा की पूजा करने से जीवन की सभी मुश्किलें दूर होती है और मनचाही इच्छाएँ पूरी होती है। ख़ास बात यह है कि गंगा सप्तमी का दिन मोक्ष दिलाने वाला भी माना गया है।

इस बार गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025) 3 मई 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन गंगा स्नान, दान पुण्य और माँ गंगा की विधि-विधान से पूजा का विशेष महत्व है। जो लोग किसी कारणवश गंगा घाट तक नहीं जा सकते, वे घर पर ही गंगाजल से स्नान करके माँ गंगा का स्मरण करें। इससे भी पुण्य फल मिलता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

गंगा सप्तमी 2025 जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। जो लोग गंगा किनारे नहीं जा सकते, वे घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती लगाएं और गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद सफेद फूल, अक्षत, दूध, बताशे, और मिठाई चढ़ाकर ‘ॐ नमो भगवति गंगे’ मंत्र का जाप करें।

गंगा सप्तमी को क्यों माना जाता है खास?

गंगा सप्तमी को गंगा जयंती भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं। उनके जल ने राजा सगर के 60,000 पुत्रों को मोक्ष दिलाया था। यही कारण है कि इस दिन गंगा स्नान को जीवन के पापों को धोने वाला और मोक्ष दिलाने वाला कहा गया है।

गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन गंगा स्नान करते हैं, वे जन्म-जन्म के पापों से मुक्त होकर ईश्वर के चरणों में स्थान पाते हैं। यही वजह है कि इस दिन देशभर में लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर जुटते हैं।

गंगा सप्तमी पर क्या करें?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • गंगा मैया की तस्वीर या मूर्ति के सामने पूजन करें।
  • जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और गंगाजल का दान करें।
  • कम से कम 11 बार “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमो भगवति गंगे” मंत्रों का जाप करें।

गंगा सप्तमी पर क्या न करें?

  • इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • घर में कलह या अपशब्दों का प्रयोग न करें।
  • नदी में गंदगी फैलाने से बचें और गंगा जल का अपमान न करें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।