हिन्दू धर्म में गणगौर के त्योहार का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस त्योहार को मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणगौर में गण का अर्थ है भगवान शिव और ग़ौर का अर्थ है पार्वती। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है।
यह व्रत विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं, और अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन गणगौर का व्रत रखा जाता है। यही कारण है कि गणगौर को तृतीया तीज भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इसी दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करता है, उस पर गणगौर माता की कृपा बनी रहती है।

गणगौर व्रत का महत्व (Gangaur vrat 2025)
यह व्रत विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए रखती है। अविवाहित कन्या इस व्रत को रखकर माता पार्वती से अच्छे वर की कामना करती है। इस दिन विधिविधान से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का नियम है, महिलाएँ इस दिन एकत्रित होकर धूमधाम से इस त्योहार को मनाती है।
कब रखा जाएगा गणगौर व्रत
हिन्दू पंचांग के अनुसार देखा जाए, तो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 मार्च 2024 को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 1 अप्रैल 2024 को 5 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। हिन्दू धर्म में हर त्योहार और व्रत उदयातिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं, ठीक इसी तरह गणगौर का व्रत भी 31 मार्च को उदयातिथि के अनुसार रखा जाएगा।
गणगौर व्रत पूजा विधि
- इसी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करें, इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति मिट्टी की होनी चाहिए।
- मूर्ति के आस पास फूल और आभूषणों से सजावट करें।
- माता पार्वती को सोला शृंगार के सामान अर्पित करें।
- भगवान शिव और माता गौरी को चंदन, अक्षत, रोली, कुमकुम आदि चीज़ें अर्पित करें।
- माता पार्वती और भगवान शिव को मीठे पकवान, फल और मिठाईयों का भोग लगाएं।
- अब एक थाली में सुहाग जल तैयार करें। इसे तैयार करने के लिए एक थाली में चाँदी का सिक्का रख देना होगा, फिर उसमें सुपारी, पान, दूध व दही, गंगाजल हल्दी रखें। इस तरह सुहाग जल तैयार हो जाएगा।
- अब कुछ दूर्वा को हाथों में ले, और सुहाग जेल को भगवान शिव और माता पार्वती पर धीरे धीरे छिड़क दें।
- ओम नमः शिवाय और ओम गौरी शंकराय नमः मंत्र का जाप करें, ध्यान करें और आरती करें।Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।