हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण को मृत्यु के बाद की यात्रा और जीवन जीने के नियमों का ग्रंथ माना गया है। इसमें न सिर्फ कर्म और मोक्ष का ज्ञान मिलता है, बल्कि यह भी बताया गया है कि कौन से कार्य व्यक्ति के जीवन में दुर्भाग्य और कष्ट ला सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, गरुड़ पुराण को केवल मृत्यु के समय ही नहीं बल्कि सामान्य जीवन के लिए भी मार्गदर्शक माना गया है। इसमें बताए गए नियम व्यक्ति को धर्म, नीति और सुख-समृद्धि की राह पर ले जाते हैं। लेकिन यदि इन्हें अनदेखा कर दिया जाए तो सौभाग्य, स्वास्थ्य और धन सबकुछ धीरे-धीरे नष्ट हो सकता है।
कौन से काम गरुड़ पुराण में मना किए गए हैं?
1. बड़ों और पितरों का अनादर
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने माता-पिता, गुरु और पितरों का अनादर करता है, उसका जीवन कभी खुशहाल नहीं हो सकता। ऐसे लोगों के घर से लक्ष्मी का वास खत्म हो जाता है और उन्हें धन की हानि का सामना करना पड़ता है।
2. झूठ और छल-कपट
इस ग्रंथ में झूठ बोलने और दूसरों को धोखा देने को सबसे बड़ा पाप बताया गया है। ऐसा करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होता है और धीरे-धीरे उसका भाग्य साथ छोड़ देता है। झूठ पर टिके रिश्ते और धन दोनों ही लंबे समय तक टिक नहीं पाते।
3. आलस्य और अपवित्रता
गरुड़ पुराण के अनुसार, आलस्य इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है। जो व्यक्ति मेहनत से बचता है और अपने आसपास की पवित्रता का ध्यान नहीं रखता, उसके जीवन में दरिद्रता और रोग बढ़ते जाते हैं। वहीं, साफ-सफाई और समय पर कर्म करने वाला व्यक्ति हमेशा उन्नति की ओर बढ़ता है।
गरुड़ पुराण से मिलने वाली जीवन की सीख
- बड़ों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
- हमेशा सच बोलें और ईमानदारी से जीवन जिएं।
- मेहनत और पवित्रता को जीवन का हिस्सा बनाएं।
इन नियमों को अपनाने से न सिर्फ सौभाग्य और धन बना रहता है बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति भी मिलती है। यही कारण है कि गरुड़ पुराण की बातों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।





