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Mon, Dec 22, 2025

Gita Updesh: भगवान श्री कृष्ण के अनुसार किसी से ज्यादा लगाव हो सकता है हानिकारक, जानें यहां

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Gita Updesh: भगवान श्री कृष्ण के अनुसार किसी से ज्यादा लगाव हो सकता है हानिकारक, जानें यहां

Gita Updesh : सनातन धर्म में कई ग्रंथ है, जिनमें से एक श्रीमद्भगवद्गीता भी है। इसमें भगवान श्री कृष्णा और अर्जुन के बीच बातचीत हुई थी। बता दें कि यह युद्ध अपनों के बीच ही लड़ी गई थी। इस कारण अर्जुन काफी ज्यादा परेशान थे, लेकिन माधव ने गीता का उपदेश देते हुए जीवन के पूरे रहस्य को उनके सामने रख दिया था। इस ग्रंथ में 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इसके अलावा, इसे हिंदी, इंगलिश, तेलुगु, बंगाली, गुजराती, उर्दू, तमिल, मराठी, सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

इस ग्रंथ में काम, ज्ञान, भक्ति और मोक्ष प्राप्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश की कुछ बातें बताएंगे जो आपके जीवन को और सरल बना देगा।

जानें गीता के ये उपदेश

  • गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को यह बताया था कि किसी भी व्यक्ति से ज्यादा लगाव हानिकारक होता है। यह उसके जीवन में दुखों का कारण बनती है। दरअसल, लगाव से उम्मीदें जगती हैं और जब यह टूटती है तो इंसान पूरी तरह से बिखर जाता है। इसलिए किसी से भी ज्यादा लगाव ना रखें। इससे आगे चलकर आपको नुकसान हो सकता है।
  • गीता उपदेश में सगे, संबंधियों को लेकर इस बात का जिक्र किया गया है कि केवल रक्त संबंध से ही कोई अपना नहीं होता, बल्कि प्रेम, सहयोग, विश्वास और सम्मान ऐसे भाव होते हैं जो पराया को भी अपना बना देते हैं। भगवान श्री कृष्ण के अनुसार, इंसान को हर एक रिश्ते की कदर करनी चाहिए।
  • भगवान श्री कृष्ण के अनुसार, सभी के जीवन में एक ऐसा साथी अवश्य होना चाहिए जो हर बुरे और अच्छे परिस्थिति में उसके साथ डटकर खड़ा रहे। हालांकि, सभी मनुष्य को अकेले रहने की कला भी आनी चाहिए क्योंकि जरूरी नहीं हर वक्त एक जैसी स्थिति हो और आपका बहुत करीबी मित्र भी उस समय आपके काम आ सके, इसलिए हर परिस्थिति में अकेले चलना सीखें।
  • भगवान श्री कृष्णा बताते हैं कि जहां पर इंसान का अधिकार होता है, वहां उन्हें अपने स्वाभिमान के लिए आवश्यक खड़ा होना चाहिए। अन्यथा, लोग आपको दबाने की कोशिश करेंगे। इसलिए कभी भी अपने स्वाभिमान के साथ समझौता न करें। यह जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है।
  • गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए, उन्हें लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अन्यथा, आप अपने मार्ग से भटक सकते हैं। इसका उदाहरण उन्होंने दिया था कि गर्मी के मौसम में लोग सूरज के बारे में कितना कुछ कहते हैं, फिर भी वह उगता है और पूरी दुनिया में रोशनी बिखेरता है।
  • माधव के अनुसार, इस संसार का सबसे मजबूत इंसान वह होता है जिसका हृदय टूटा होता है। उसके सपने भी टूटे होते हैं। इसके अलावा, उसके अपने भी उसे रूठे होते हैं। इसके बावजूद वह सबसे यह कहता है कि मैं ठीक हूं। इसलिए किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक बने रहे। इससे जीवन में किसी भी परेशानी को आसानी से खत्म किया जा सकता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)