Gita Updesh : सनातन धर्म में कई सारे प्राचीन ग्रंथ है, जिनमें से एक श्रीमद्भगवद्गीता है। इसे मोक्ष की प्राप्ति के रूप में देखा जाता है, जिसमें कुल 800 अध्याय और 700 श्लोक है। इसमें इंसान को धर्म, कर्म और भक्ति का ज्ञान मिलता है, जिन्हें अपनाकर लोग एक अच्छा इंसान बन सकते हैं। गीता उपदेश अर्जुन और भगवान श्री कृष्ण के बीच हुई बातचीत का वर्णन है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में बताए गए संसार के सबसे कीमती तोहफे के बारे में बताएंगे जो केवल किस्मत वालों को ही नसीब होता है।

गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने बताया था कि संसार कसम से कीमती तोहफा कभी ना साथ छोड़ने वाला मित्र होता है, जो कीमत से नहीं बल्कि किस्मत से मिलता है और जिन्हें मिलता है वह बहुत ही नसीब वाले होते हैं।
किस्मत वालों को होता है हासिल
- भगवान श्री कृष्ण के अनुसार, दोस्त एक शब्द नहीं, बल्कि एक आशीर्वाद होता है। यह वह साथी होता है जो हमारे साथ सुख और दुःख में रहता है। एक अच्छा दोस्त हर परिस्थिति में आपका साथ देता है, जिससे हार के बाद इंसान को साहस और सहानुभूति मिलती है। ऐसे में वह दोबारा जीत हासिल कर पाने में सक्षम हो पाता है। एक सच्चा दोस्त हमेशा सच्चाई के रास्ते में चलने की प्रेरणा देता है। उसकी नजरों में हमारी खामियों के बारे में जानने की क्षमता होती है, जिसे वह सुधारने की कोशिश भी करता है। साथ ही हमेशा अच्छे गुणों को प्रोत्साहित करता है।
- गीता उपदेश के अनुसार, अच्छे और सच्चे दोस्त का मतलब यह नहीं होता कि आप हर वक्त एक-दूसरे से मिले। दूर रहकर भी मित्रता निभाई जा सकती है। अगर आप दोनों एक-दूसरे के प्रति ईमानदार हैं और एक-दूसरे की दोस्ती की कीमत को समझते हैं, तो आप दूर रहकर भी एक-दूसरे का उतना ही साथ देंगे, जितना आप पास रहकर देते हैं।
- वहीं, गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने इस बात का भी जिक्र किया है कि मित्रता कभी धन-दौलत देखकर नहीं की जाती। जिसका उदाहरण खुद महाभारत में देखने को मिला है। जब भी दोस्ती की बात आती है, तब सुदामा और माधव की दोस्ती का उदाहरण दिया जाता है। अगर आपकी दोस्ती सच्ची है, तो आप भी ऐसी ही दोस्ती निभाई जो एक मिसाल बन सके।
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