माघ मास की गुप्त नवरात्रि इस दिन से शुरू, बन रहें कई अद्भुत संयोग, पूरी होगी मनोकामना, ऐसे करें पूजा

10 फरवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू होगी। इस दौरान कई दुर्लभ संयोग बनेंगे। 10 महाविद्याओं की पूजा-साधना होगी। आइए जानें माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए पूजा कैसे करें?

Manisha Kumari Pandey
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Gupt navratri 2024

Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। तंत्र विद्या सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मान्यताएं हैं इस दौरान व्रत और साधना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों की मनोकामना पूर्ति करती हैं।

10 महाविद्याओं के नाम

  • मां काली
  • तारा देवी
  • त्रिपुर सुंदरी
  • भुवनेश्वरी
  • माता छिन्नमस्तिका
  • त्रिपुर भैरवी
  • माता बगलामुखी
  • मां धूम्रवती
  • मातंगी
  • कमला देवी

शुभ मुहूर्त और योग

माघ मास की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू हो रही है। इसका समापन दशमी तिथि के साथ 19 फरवरी को होगा। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी की सुबह 8:45 से लेकर सुबह 10:10 बजे तक रहेगा। इस बार गुप्त नवरात्रि पर अद्भुत संजोग बना रहे हैं। पांच रवि योग, 4 जयद योग, दो सवार्थ  सिद्धि योग, दो स्वार्थ अमृत सिद्धि योग एक त्रिपुष्कर योग और सिद्धि योग बन रहा है।

किस दिन कौन सा व्रत?

10 फरवरी को गुप्त नवरात्रि आरंभ, 12 फरवरी को गौरी तृतीया, 13 फरवरी को गणेश चतुर्थी, 14 फरवरी को बसंत पंचमी, 15 फरवरी को शीतला षष्ठी, 16 फरवरी को अचला सप्तमी, 17 फरवरी को अष्टमी और 18 फरवरी को महानंदा नवमी पड़ रही है।

ऐसे करें पूजा

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • पूजा स्थल की साफ सफाई करें। गंगाजल का छिड़काव करें।
  • गंगाजल से मां दुर्गा का अभिषेक करें।
  • माता रानी को लाल चंदन, अक्षत, चुनरी, लाल और सफेद रंग के फूल अर्पित करें।
  • सभी देवी-देवताओं की पूजा करें। जलाभिषेक करें। फूल और फल अर्पित करें। तिलक लगाएं।
  • घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
  • दुर्गा सप्तमी और दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें।
  • आरती के बाद क्षमा याचना करें और पूजा का समापन करें।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


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