हर साल दो बार पड़ने वाले गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025) उन भक्तों के लिए बेहद खास होते हैं जो मां दुर्गा की साधना गुप्त रूप से करते हैं। आमतौर पर ये पर्व उतना चर्चित नहीं होता जितना चैत्र या शारदीय नवरात्र, लेकिन आध्यात्मिक रूप से इसका महत्व कहीं ज़्यादा माना जाता है। खासकर तंत्र-साधना, सिद्धि प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए यह समय बेहद शुभ होता है।
जून 2025 में पड़ने वाले गुप्त नवरात्र को लेकर भक्तों में गहरी आस्था और उत्सुकता देखी जा रही है। माना जाता है कि इस दौरान मां दुर्गा की पूजा विशेष विधि से की जाए, तो उनकी कृपा जल्दी प्राप्त होती है। गुप्त रूप से की गई साधना, मंत्र जाप और व्रत से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

गुप्त नवरात्र 2025 की शुरुआत कब से?
गुप्त नवरात्र 2025 की शुरुआत 26 जून 2025, गुरुवार से हो रही है और इसका समापन 4 जुलाई 2025, शुक्रवार को होगा। ये आषाढ़ महीने में मनाए जाते हैं और विशेष रूप से तांत्रिक साधकों और गुप्त पूजा करने वालों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस नवरात्र के दौरान शक्ति की दस महाविद्याओं जैसे काली, तारा, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता आदि की विशेष पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की कृपा कैसे पाएं?
- सुबह स्नान करके मां दुर्गा को लाल फूल, चावल और कुमकुम अर्पित करें।
- 9 दिनों तक अखंड दीपक जलाएं।
- दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।
- हर दिन अलग-अलग स्वरूप की पूजा करें, जैसे पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी आदि।
- संयम और नियम का पालन करना सबसे जरूरी है।
गुप्त नवरात्र क्यों होते हैं खास?
गुप्त नवरात्र को सामान्य नवरात्र की तरह खुले तौर पर नहीं मनाया जाता। ये गहरे साधना और आत्मिक विकास का समय होता है। मान्यता है कि इन 9 दिनों में की गई तांत्रिक और मां की विशेष साधनाएं तुरंत फल देती हैं। यही कारण है कि बहुत से साधक इन दिनों जंगल, एकांत या घर में भी गुप्त तरीके से पूजा करते हैं। सामान्य भक्तों के लिए भी ये एक सुनहरा मौका होता है, बुरी नजर, मानसिक अशांति, आर्थिक तंगी या पारिवारिक कलह से मुक्ति पाने का।
क्या आम लोग भी कर सकते हैं गुप्त नवरात्र की पूजा?
बिलकुल! गुप्त नवरात्र भले ही तंत्र साधना के लिए जाने जाते हों, लेकिन आम भक्त भी इसमें भाग ले सकते हैं। अगर आप श्रद्धा से देवी की पूजा करते हैं, नियमों का पालन करते हैं और संयमित रहते हैं, तो मां दुर्गा की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। सामान्य पूजा के लिए आप नवरात्र व्रत, दुर्गा सप्तशती का पाठ, उपवास, और कन्या पूजन जैसे सरल उपाय अपना सकते हैं।