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Sun, Dec 21, 2025

Hanuman Jayanti 2023 : 12 साल बाद हनुमान जयंती पर बन रहा गुरु आदित्य योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Written by:Ayushi Jain
Published:
Hanuman Jayanti 2023 : 12 साल बाद हनुमान जयंती पर बन रहा गुरु आदित्य योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Hanuman Jayanti 2023 : चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हर साल हनुमान जयंती का त्यौहार मनाया जाता है। भगवान की पूजा अर्चना के साथ हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया जाता है। इस बार 12 साल बाद गुरु आदित्य योग में 6 अप्रैल के दिन भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान अनेक मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन, हवन, अनुष्ठान और भंडारे करवाए जाएंगे।

आपको बता दें, मंगल शनि और राहु, केतु की अनुकूलता के लिए बजरंगबली की आराधना करना विशेष फलदाई प्रदान करता है। उत्तम मुहूर्त में अगर हनुमान जी की पूजा की जाए तो वह बेहद शुभ माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत, पान का बीड़ा, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट आदि भगवान को अर्पित करना चाहिए।

साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार की उन्नति होती है और बजरंगबली का आशीर्वाद मिलता है। वहीं सभी संकट और कष्ट भी दूर होते हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक योग संयोग के अनुक्रम बनते रहते हैं। ऐसे में अगर खास दिन में कोई संयोग बनता है तो उसका काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस बार 12 साल बाद हनुमान जयंती के दिन गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है जो शुभ माना जा रहा है।

Hanuman Jayanti 2023 : पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषों के मुतबिक, 6 अप्रैल के दिन सुबह 7 बजे से लेकर 9:55 मिनट तक भगवान हनुमान की पूजा करना शुभ होगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही आप इस दिन हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ पढ़ सकते हैं आपके सभी कष्ट दूर होंगे।

ऐसे करें हनुमान जी की पूजा

शुभ उत्तम मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करने के लिए आप सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन ले। उसके बाद भगवान की पूजा करें और उन्हें लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत्, पान का बीड़ा, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट और चोला चढ़ाएं। इसके साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।