वैदिक ज्योतिष में गुरु बृहस्पति को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इन्हें भाग्य, धन और ज्ञान का कारक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु मज़बूत स्थिति में होते हैं उनकी ज़िंदगी में तरक़्क़ी, सफलता और सुख सम्पति का आशीर्वाद बना रहता है। गुरू की कृपा से व्यक्ति न सिर्फ़ आर्थिक रूप से मज़बूत होता है, बल्कि समाज में भी उसका मान सम्मान बढ़ता है।
ज्योतिष के मुताबिक़, नवग्रहों में गुरु बृहस्पति (Guru Favourite Rashi) का सीधा असर इंसान की नीति, धर्म, शिक्षा और न्याय से जुड़ी समझ कर पड़ता है। पीला रंग, सोना, धन सम्पत्ति, पूजा पाठ और आध्यात्मिक ज्ञान पर भी गुरु का नियंत्रण होता है। आज हम जानेंगे कि ऐसी कौन सी चार राशियाँ है, जिन पर गुरु बृहस्पति की ख़ास कृपा बनी रहती है।

गुरु बृहस्पति का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में गुरु बृहस्पति को देवताओं के गुरु कहा गया है। इन्हें न्यायप्रिय, ज्ञानी और सौम्य ग्रह माना जाता है। कुंडली में गुरु की अच्छी स्थिति इंसान को भाग्यशाली बनाती है। ये शिक्षा, धर्म, विवाह, संतान और आर्थिक मामलों पर असर डालते हैं। खास बात ये है कि गुरु हर किसी की कुंडली में अलग असर डालते हैं लेकिन कुछ राशियाँ ऐसी होती हैं जिन पर इनकी विशेष कृपा बनी रहती है।
कर्क राशि
कर्क राशि जल तत्व की राशि है और इसकी स्वामी चंद्रमा है। गुरु और चंद्रमा की जोड़ी को शुभ माना जाता है। इसलिए जब भी गुरु कर्क राशि में गोचर करते हैं या इनकी दृष्टि इस राशि पर पड़ती है, तो इसके जातकों को जीवन में भावनात्मक स्थिरता, आर्थिक मजबूती और पारिवारिक सुख का अनुभव होता है।
कर्क राशि के लोग संवेदनशील और सोच-विचार करने वाले होते हैं। गुरु की कृपा से इन्हें सही समय पर सही निर्णय लेने की शक्ति मिलती है। इनके जीवन में अचानक अच्छे अवसर आते हैं, जैसे करियर में प्रमोशन, संपत्ति की प्राप्ति या संतान सुख। अध्यात्म और धर्म की तरफ भी इनका झुकाव बढ़ता है, जिससे इनकी आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास मजबूत होता है।
सिंह राशि
सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है और इसका स्वामी सूर्य होता है। सूर्य और गुरु दोनों राजसिक ग्रह हैं, जिनकी युति या दृष्टि सिंह राशि वालों को बहुत मजबूत बनाती है। जब गुरु इस राशि पर कृपा करते हैं, तो जातकों को नेतृत्व, सम्मान, प्रसिद्धि और आर्थिक सफलता मिलती है।
सिंह राशि के लोग जन्मजात लीडर होते हैं। गुरु की सकारात्मक ऊर्जा इनकी निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ा देती है। इसके अलावा सिंह राशि वाले जातक अक्सर प्रशासन, राजनीति, शिक्षा या बड़े संस्थानों में ऊँचे पदों पर पहुँचते हैं। इनकी बातों में वजन होता है और लोग इन्हें फॉलो करते हैं। गुरु की कृपा से इनका आत्मबल इतना बढ़ता है कि ये कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी डटकर खड़े रहते हैं।
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी स्वयं गुरु बृहस्पति हैं, इसलिए इस राशि पर इनकी विशेष कृपा स्वाभाविक है। जब गुरु अपनी ही राशि में होते हैं, तो उनका प्रभाव तीव्र, सकारात्मक और बेहद फलदायक होता है। धनु राशि के जातकों को शिक्षा, नौकरी, व्यापार और यात्रा के क्षेत्र में बड़ी सफलताएं मिलती हैं।
धनु राशि वाले स्वभाव से जिज्ञासु और साहसी होते हैं। गुरु की कृपा से इन्हें उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा और धार्मिक कार्यों में रुचि मिलती है। ये लोग अक्सर समाज में उच्च पदों पर देखे जाते हैं और इनकी सोच दूरदर्शी होती है। आर्थिक रूप से भी इन्हें निवेश या अचानक लाभ से अच्छे फल मिलते हैं। गुरु इनके जीवन में समृद्धि, स्थिरता और सम्मान का वरदान देते हैं।
मीन राशि
मीन राशि भी गुरु की ही राशि होती है, जो कि जल तत्व की राशि है। इस राशि के लोग भावुक, रचनात्मक और आध्यात्मिक होते हैं। गुरु जब मीन राशि पर कृपा करते हैं, तो जातकों के जीवन में आंतरिक शांति, करियर में स्थिरता और पारिवारिक सुख आता है।
गुरु इस राशि वालों को मानसिक मजबूती, आध्यात्मिक ऊर्जा और सही दिशा प्रदान करते हैं। मीन राशि के लोग कला, शिक्षा, चिकित्सा, और सेवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इनकी कल्पनाशक्ति गहरी होती है और गुरु की कृपा से इन्हें समाज में सम्मान और पहचान भी मिलती है। साथ ही, पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और इनका आर्थिक पक्ष भी धीरे-धीरे मजबूत होता जाता है।
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