सनातन धर्म में सभी ग्रहों को देवी देवता के समान पूजा जाता है। इनमें से एक देवगुरु बृहस्पति भी हैं, जिन्हें गुरु के रूप में लोग पूजते हैं। वह ज्ञान, धर्म, शिक्षा और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। गुरु को विवाह, संतान, सुख और धन का कारक भी माना जाता है। इनका प्रभाव जीवन में सुख-शांति, सद्बुद्धि और उन्नति लाता है। बृहस्पति को शुभ ग्रहों की लिस्ट में शामिल किया गया है। कुंडली में इस ग्रह की मजबूत स्थिति से व्यक्ति को धन, ज्ञान, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, तो वहीं उनकी अशुभ स्थिति से शिक्षा, आर्थिक स्थिति और वैवाहिक जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती है।
वहीं, बृहस्पति की महादशा 16 वर्षों तक चलती है। ऐसे में यदि बृहस्पति कुंडली में शुभ स्थान पर हो, तो यह शुभ फल देने वाली मानी जाती है। वहीं, राहु या केतु की अंतर्दशा में जातक को शुभ कार्यों में भी असफलता मिलती है, जिस कारण उन्हें हर क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राहु और केतु के साथ गुरु के रहने पर गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है।

अति शीघ्र होंगे खुश
हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति की महादशा से निपटने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन्हें करने से गुरु अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि भक्तों पर बना देते हैं।
ऐसे करें प्रसन्न
- देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें।
- इस दिन खासकर पीले रंग का वस्त्र पहनें, जिससे कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होगी।
- गुरुवार के दिन पीले रंग की चीजों का दान करें, जिससे बृहस्पति देव अति शीघ्र प्रसन्न होंगे।
- आप गरीब और जरूरतमंदों में पीले रंग के कपड़े, पीले फल, चना, केला, पपीता, आदि का दान कर सकते हैं।
- गुरुवार के दिन खासकर लक्ष्मी और नारायण जी की पूजा करें।
- केसर मिश्रित दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
- इससे देवगुरु बृहस्पति अति शीघ्र प्रसन्न होंगे और आपको मनवांछित फल का आशीर्वाद मिलेगा।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)