Guru Nanak Jayanti 2022 : गुरुनानक जयंती पर जानिये उनकी तीन बड़ी शिक्षा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज गुरुनानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2022) है। सिखों के पहले गुरु की जयंती को गुरु पूरब या प्रकाश पर्व कहा जाता है और ये दिन सिख धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज प्रभात फेरियां निकलती है, गुरुद्वारे में भजन कीर्तन होता है और जगह जगह लंगर का आयोजन भी किया जाता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज के दिन शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘प्रथम पातशाही साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं! पूरी दुनिया को प्रकाश देने वाले श्रद्धेय गुरु जी के ‘नाम जपो,किरत करो और वंड छको’ के मंत्र से ही मानवता का उद्धार होगा। प्रत्येक हृदय में प्रेम,सेवा,सद्भाव की ज्योत प्रज्ज्वलित रहे,यही प्रार्थना करता हूं।’

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हर साल कार्तिक पूर्णिमा को गुरुनानक जयंती मनाई जाती है। उनका जन्म 1469 में पाकिस्तान के तलवंडी में हुआ था और उन्होने ‘इक ओंकार’ का संदेश दिया। जिसका अर्थ है कि सभी प्राणियों का ईश्वर एक है और वही परम सत्य है। उसी ने सबको बनाया है। गुरुनानक देव ने मानव सेवा को सर्वोपरि बताया और कहा है कि गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करना सबसे बड़ा धर्म है। उन्होने कहा है कि सदैव सद्कर्म करना चाहिए और हर मनुष्य से प्रेम करना चाहिए। मानवता के पुंज गुरुनानक देव जी ने कहा है कि ‘हम नहीं चंगे बुरा नहीं कोय, प्रनवत नानक तारे सोय’। इसका अर्थ है कि हमें सदैव अंतर्मनन करते हुए अपनी कमियों से मुक्ति पानी चाहिए और दूसरों के गुणों को देखना चाहिए। उन्होने कहा है कि सत्य सबसे ऊपर है लेकिन उससे भी ऊपर सत्याचार है।

गुरुनानक देव ने तीन अहम शिक्षाएं दी हैं जिनमें से पहली है नाम जपो। इसमें सच्चे भगवान के नाम का जाप करने और पांच बुराई काम क्रोध लोभ मोह अहंकार पर नियंत्रण पाने के लिए ईश जाप को कहा है। इसके लिए उन्होने दो मार्ग बताए हैं कि संगत में रहकर जप किया जाए या एकांत में जप किया जाए। दूसरी शिक्षा है कीरत करो, जिसमें ईमानदारी से जीवन जीने की शिक्षा दी है। उन्होने कहा है कि मेहनत करने जीवनयापन करना चाहिए। सिख धर्म में श्रम एक केंद्र अवधारणा भी है। वही तीसरी शिक्षा है वंड चखो जिसका अर्थ है ईश्वर ने जो भी आपको दिया है वो दूसरों के साथ साझा करो। सिख धर्म में अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करने का प्रचलन है जिससे लंगर चलता है। ये सिख धर्म के अहम सिद्धातों में से एक है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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