मेष और वृश्चिक राशि के लिए हनुमान जन्मोत्सव रहेगा बहुत फलदायी, रुके हुए धन की होगी प्राप्ति

इस साल हनुमान जन्मोत्सव पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिनमें भद्रावास योग शामिल है, जो कि शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी, जिससे पृथ्वी के सभी जीव जंतुओं का कल्याण होगा। इसके अलावा, हस्त व चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) मनाया जाएगा। यह हर साल 4 महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की पांचवें दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए यह उत्सव हनुमान उत्सव के रूप में मनाया जाता है। आज हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में बताएंगे, जिनके लिए हनुमान जन्मोत्सव बहुत ही ज्यादा फलदाई रहने वाला है।

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव का शुभारंभ 12 अप्रैल को रात 3:21 पर होगा, जिसका समापन अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 5:51 पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

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मिलेगा लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह है। ऐसे में भगवान बजरंगबली की कृपा दृष्टि स्वयं इन पर बनी रहेगी। उनके करियर में अपार सफलता मिलने वाली है। आर्थिक लाभ होने की संभावना है। रुके हुए धन वापस मिल जाएंगे। व्यापार में लाभ ही लाभ मिलेगा, नौकरी कर रहे लोगों को प्रमोशन मिल सकता है। परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी।

शुभ योग का निर्माण

इस साल हनुमान जन्मोत्सव पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिनमें भद्रावास योग शामिल है, जो कि शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी, जिससे पृथ्वी के सभी जीव जंतुओं का कल्याण होगा। इसके अलावा, हस्त व चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

करें ये उपाय

मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। गरीबों में दान दक्षिणा देना भी बहुत शुभ माना जाता है।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता सीता ने हनुमान जी के लिए अलग-अलग तरह के पकवान बनाए थे, जिन्हें खाने के बाद भी हनुमान जी का पेट नहीं भरा और उन्होंने माता सीता से भोजन की मांग की। जिससे माता चिंतित हो गई और उन्होंने प्रभु श्री राम से इस बारे में बातचीत की। तब भगवान श्री राम ने माता सीता से कहा कि आप हनुमान जी के भजन में तुलसी का पत्ता डाल दें, जिससे उनकी भूख शांत हो जाएगी। उनके कहे अनुसार मां सीता ने हनुमान जी के भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दिए, जिससे उनकी भूख शांत हो गई। तब से ही हनुमान जी के भोग में तुलसी का पत्ता अवश्य ही डाला जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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