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Sat, Dec 20, 2025

आज भी जीवित हैं हनुमान जी, जानिए रहते हैं कहां? कल्कि अवतार में भी होंगे साथ

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
रामायण कथा के अनुसार, भगवान श्री राम ने बजरंगबली को कलयुग में उनके भक्तों की सहायता करने का दायित्व सोप था। कल्कि पुराण और विष्णु पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है।
आज भी जीवित हैं हनुमान जी, जानिए रहते हैं कहां? कल्कि अवतार में भी होंगे साथ

राम भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) की गाथाएं हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं, जिन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में भी हनुमान जी उपस्थित है। कभी भी किसी मनुष्य को डर लगता है, तो वह हनुमान मंत्र या हनुमान जी का नाम लेता है, जिससे सारे भय दूर हो जाते हैं। उनकी गाथाएं किसी से भी छूपी नहीं है। रामायण कथा के अनुसार, भगवान श्री राम ने बजरंगबली को कलयुग में उनके भक्तों की सहायता करने का दायित्व सोप था। कल्कि पुराण और विष्णु पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है।

कल्कि पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेंगे, तब हनुमान जी एक बार फिर धर्म की रक्षा करने के लिए उनकी सहायता में मौजूद रहेंगे। ऐसे में आज हम आपको यह बताएंगे कि कलयुग में हनुमान जी कहां रहते हैं।

गंधमादन पर्वत

श्रीमद्भगवद गीता के अनुसार, हनुमान जी त्रेता युग और द्वापर युग दोनों में उपस्थित थे। वहीं, कलयुग की बात करें तो हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर रहते हैं, जो कि कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित एक हिमालय है। प्राचीन समय में गंधमादन पर्वत सुमेरु पर्वत की चारों दिशाओं में स्थित गजदंत पर्वतों में से एक था, जहां महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी। बता दें कि यह कुबेर के क्षेत्र का एक हिस्सा भी था।

वनस्पतियों से है भरी

वर्तमान की बात करें, तो यह पर्वत तिब्बत क्षेत्र में पड़ता है। यह जगह आज भी फूलों और वनस्पतियों से भरी पूरी रहती है। रामायण काल से ही इस पर्वत का विशेष महत्व रहा है। आज भी पर्वत पर हनुमान जी का मंदिर स्थित है। स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि हनुमान जी यहां रूप बदलकर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए आते हैं, जहां भगवान राम के पैरों के भी निशान है।

हनुमान जी ने ली थी भीम की परीक्षा

इसके अलावा, महाभारत की कथा में भी इस पर्वत का जिक्र पाया जाता है। जब पांडव अज्ञातवास के कारण हिमवंत पार करते हुए गंधमादन पर्वत पहुंचे थे, जहां उन्होंने हनुमान जी को आराम करते देखा, तब वह एक बूढ़े वानर का भेष बनाकर गदाधारी भीम की परीक्षा भी ली थी। पुरानी कथाओं के अनुसार, इस पर्वत पर गंधर्व, किन्नर, अपसराएं और सिद्ध ऋषि निवास करते हैं। यहां किसी भी मनुष्य का पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। मान्यता है कि यह पर्वत दिव्य है। बदलते युग के साथ इस पर्वत का स्वरूप काफी बदल चुका है, लेकिन राम भक्त हनुमान की आज भी उसी प्रकार पूजा अर्चना होती है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)