कहा जाता है कि अगर किसी पर बजरंग बली हनुमानजी की नज़र पड़ जाए तो उसके जीवन के सारे दुख और संकट ख़त्म हो जाते हैं। हनुमान जी अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उन्हें मुश्किल वक़्त में संभालते हैं। यही वजह है कि हर मंगलवार और शनिवार को लोग हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और भगवान से अपने दुख दर्द दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
अगर आप भी हनुमानजी की ख़ास कृपा पाना चाहते हैं, तो हनुमान चालीसा के साथ साथ हनुमान तांडव स्तोत्र का भी ज़रूर करें। माना जाता है कि इस स्तोत्र का श्रद्धा और विश्वास के साथ पार्टी करने से जीवन के बड़े से बड़े संकट भी आसान हो जाते हैं। यह स्तोत्र बहुत शक्तिशाली और दिव्य हैं, जिसे पढ़ने से मन को शांति मिलती है और डर ख़त्म होता है।

श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम् (Shri Hanuman Tandav Stotram)
॥ ध्यान॥
वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।
रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥
॥ स्तोत्र पाठ ॥
भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं,
दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्।
सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं,
समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥1॥
सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं
वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न।
इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वान-
राऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः॥2॥
सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना,
भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ।
कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ,
विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम्॥3॥
सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः,
कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम्।
प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः
कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः॥4॥
प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं,
फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत्।
विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्,
सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम्॥5॥
नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं
गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम्।
सुपुच्छगुच्छतुच्छलंकदाहकं सुनायकं
विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम्॥6॥
रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं
दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम्।
विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम्
सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम्॥7॥
नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता
महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः।
सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां
निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम्॥8॥
इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः
कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः।
प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा
न शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह॥9॥
नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे।
लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम्॥10॥
॥ इति श्रीहनुमत्ताण्डवस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
मंगलवार की पूजा में हनुमान तांडव स्तोत्र का महत्व
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा (Hanuman Puja) का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन श्री हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की हर बाधा, शत्रु बाधा और बुरी नज़र का असर खत्म होता है। हनुमान जी, जिन्हें संकटमोचन कहा जाता है, अपने भक्तों की हर मुश्किल पलभर में हल कर देते हैं। इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मानसिक शक्ति बढ़ती है, आत्मविश्वास आता है और बुरा समय जल्दी कट जाता है।
इस स्तोत्र में हनुमान जी की शक्ति, पराक्रम और वीरता का अद्भुत वर्णन है। इसे पढ़ते समय ध्यान, भक्ति और पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी का स्मरण करने से शीघ्र फल मिलता है। खास बात ये है कि इस स्तोत्र का जाप न सिर्फ मंगलवार बल्कि शनिवार और अमावस्या के दिन भी करना शुभ माना गया है।
हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करने का सही तरीका
अगर आप भी चाहते हैं कि आपके जीवन से सारी बाधाएं दूर हों और काम में सफलता मिले, तो मंगलवार के दिन हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ ज़रूर करें। इसके लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
फिर श्री हनुमान चालीसा के बाद हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करें। पाठ के बाद हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। यदि संभव हो तो लाल फूल, गुड़ और बेसन के लड्डू का भोग ज़रूर लगाएं। पूजा के समय मन में किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार न रखें और पूरी आस्था के साथ हनुमान जी से प्रार्थना करें।
हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करने से मिलने वाले फायदे
हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कई अद्भुत लाभ होते हैं। कहा जाता है कि इस स्तोत्र के प्रभाव से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है और मन शांत रहता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है, उनके लिए ये स्तोत्र बेहद फायदेमंद माना जाता है।
इसके अलावा नौकरी, व्यवसाय या कोर्ट-कचहरी से जुड़ी समस्याओं में भी हनुमान जी की कृपा से राहत मिलती है। इस पाठ से डर, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याएं भी कम होती हैं। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कई ज्योतिषाचार्य भी इस स्तोत्र को हनुमान जी की सबसे प्रभावशाली वाणी बताते हैं, जो भक्त को बल, बुद्धि और विजय प्रदान करती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।