हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) हर साल सावन महीने में पड़ती है और यह प्रकृति, हरियाली और पितृ पूजा से जुड़ी एक खास तिथि होती है। इस वर्ष 24 जुलाई 2025, गुरुवार को हरियाली अमावस्या का शुभ दिन है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से जहां मानसिक शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, वहीं पितृ तर्पण और दान करने से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।
इस साल का हरियाली अमावस्या विशेष इसलिए भी है क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग, शिव की कृपा और पितृ दोष शांति का योग एक साथ बन रहा है। ऐसे में जो व्यक्ति सच्चे मन से पूजा-पाठ, दान और पितृ तर्पण करते हैं, उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय
हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। सुबह स्नान करके शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, दही और शहद अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे मन शांत होता है और पारिवारिक समस्याओं से राहत मिलती है। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
पितृ तर्पण से पितृ दोष होगा शांत
इस दिन गंगा जल या शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर पितरों के नाम से तर्पण करें। घर के आंगन या नदी के किनारे यह प्रक्रिया की जा सकती है। ब्राह्मण भोजन कराना और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र दान करना पितृ देवताओं को अत्यंत प्रिय होता है। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, उनके लिए ये उपाय विशेष लाभकारी माने गए हैं।
हरियाली से जुड़े उपाय
हरियाली अमावस्या का एक महत्वपूर्ण पक्ष प्रकृति की पूजा और संरक्षण है। इस दिन पीपल, बरगद, तुलसी या नीम का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। महिलाएं व्रत रखती हैं और वृक्षों की पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। गाय को हरा चारा, पक्षियों को दाना देना भी पुण्यकारी होता है।





