Hindu Rituals: नदियों में क्यों डाले जाते हैं सिक्के? सदियों से चली आ रही ये परंपरा, जानें क्या कहता हैं विज्ञान

Hindu Rituals: नदियों में सिक्के फेंकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह परंपरा विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में प्रचलित है। इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं, जो आज हम इस लेख के द्वारा समझेंगे।

Bhawna Choubey
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Hindu Rituals: अक्सर आपने कहीं ना कहीं ऐसा जरूर देखा होगा कि जब कभी भी रास्ते में कोई भी नदी आती है तो लोग उसमें सिक्का डालते हैं। आपने भी कभी ना कभी ऐसा जरूर किया होगा। ऐसा माना जाता है कि लोग सिक्का सम्मान के तौर पर डालते हैं। बहुत से लोग इसे परंपरा मानते हैं। लोगों का ऐसा मानना होता है की नदी में सिक्का डालने से देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन क्या आपको यह सारी बातें सच लगती हैं? क्या आपके मन में भी ऐसा सवाल आता है कि आखिर नदियों में सिक्का डालने से क्या होता है, तो आज हम आपके इस सवाल का जवाब देने वाले हैं हम आपको इसके पीछे के कुछ वैज्ञानिक और धार्मिक कारण बताएंगे, तो चलिए जानते हैं।

क्या है सिक्का डालने का धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में नदियों को देवी देवताओं का वास माना जाता है। नदी में सिक्का डालने को दान का एक रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है की नदी में सिक्का फेंकने से धन-धान्य का पुण्य मिलता है और देवी देवता प्रसन्न होते हैं। कुछ लोगों का ऐसा भी मानना होता है की नदी में सिक्का फेंकने से भाग्य अच्छा होता है। ऐसा बोला जाता है कि सिक्के के साथ-साथ आपकी मनोकामनाएं भी बहती है और देवी देवता उन मनोकामनाओं को पूरी करते हैं। वहीं कुछ लोगों का ऐसा मानना भी होता है की नदी में सिक्का फेंकने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसे अगला जन्म अच्छा मिलता है।

क्या है सिक्का डालने का वैज्ञानिक कारण

नदी को जल का स्रोत माना जाता है। सभी लोग जानते हैं कि जल के बिना जीवन जीना संभव नहीं है। नदियों का जल पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसलिए नदियों के जल को साफ और स्वच्छ रखना बहुत जरूरी होता है। पहले के जमाने में तांबे के सिक्के का प्रचलन हुआ करता था। तांबे की धातु को जल को साफ और शुद्ध करने की सबसे अच्छी धातु मान जाता था। जब पुराने जमाने के लोग नदी में तांबे का सिक्का डालते थे तो इससे पानी में मौजूद खराब बैक्टीरिया मर जाते थे और पानी साफ और स्वच्छ हो जाता था। जिस वजह से लोग आज भी नदी में सिक्के डालते हैं इसे एक प्रकार की परंपरा के तौर पर देखा जाता है।

नदियों को स्वच्छ रखने के लिए कुछ उपाय

  • नदियों में कूड़ा-करकट न फेंकें।
  • नदियों में औद्योगिक और घरेलू कचरा न डालें।
  • नदियों के किनारे पेड़ लगाएं।
  • नदियों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाएं।

    (Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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