History of Raksha Bandhan : हर भाई बहन के लिए रक्षाबंधन का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती है। यह त्यौहार भारत के हर शहर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को सावन पूर्णिमा के दिन हर साल मनाया जाता है।
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त के दिन मनाया जाने वाला है। रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। आज हम आपको उन्हीं में से कुछ खास कहानियां बताने जा रहे हैं जो काफी ज्यादा प्रचलित है। उन कहानियों को सदियों से लोग एक दूसरे को सुनाते आ रहे हैं। चलिए जानते हैं रक्षा बंधन से जुड़ी कुछ प्रचलित कहानियां –
Raksha Bandhan से जुड़ी कुछ प्रचलित कहानियां
द्रौपदी ने बांधी थी श्री कृष्ण को राखी
रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। पहली कहानी में कहा जाता है कि सबसे पहली राखी द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को महाभारत काल के दौरान बांधी थी। जी हां जब इंद्रप्रस्थ में शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था तब उनकी एक उंगली कट गई थी। उनकी उंगली से काफी ज्यादा खून बह रहा था।
उसी दौरान द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध किया था। इस दिन सावन की पूर्णिमा थी। तभी भगवान कृष्ण द्रौपदी से बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने द्रोपदी को वचन देते हुए कहा कि एक दिन वह इस साड़ी के एक धागे का मोल जरुर चुकाएंगे। जिसके बाद श्री कृष्ण ने चीर हरण के वक्त द्रौपदी को दिया वचन निभाया और उनकी लाज बचाई थी। तभी से इस दिन का काफी ज्यादा महत्व माना जाने लगा।
महाभारत के दौरान सभी सेनिकों को बंधे गए थे रक्षा सूत्र
इसके अलावा और भी कई कहानियां प्रचलित है। बताया जाता है कि महाभारत का युद्ध चल रहा था तब युधिष्ठिर कौरवों से युद्ध करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान उन्हें सिर्फ यही बात की चिंता सता रही थी कि युद्ध को कैसे जीता जाए। इस बात का निवारण जब भगवान श्री कृष्ण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी सैनिकों के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधने जाएं।
उनके कहने के बाद ठीक ऐसा ही किया गया और उन्हें महाभारत में जीत हासिल हुई। इसलिए भी रक्षा बंधन पर बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इसको बांधने से पहले हमेशा मुहूर्त देखा जाता है ताकि भाई को किसी भी तरह का दुःख जीवन में ना उठाना पड़े।