हर साल फाल्गुन पूर्णिमा से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है। होलाष्टक की अवधि आध्यात्मिक साधना, शुभ ऊर्जा अर्जित करने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का उत्तम अवसर। इस अवधि के दौरान किए गए धार्मिक कार्य और विशेष उपाय न सिर्फ़ नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करते हैं बल्कि भाग्य भी चमका देते हैं।
ऐसा माना जाता है कि होलाष्टक में कुछ विशेष कार्यों को करने से सुख समृद्धि बढ़ती है और जीवन में आने वाली तमाम मुश्किलें भी नष्ट हो जाती है। साल 2025 में होलाष्टक 7 मार्च से शुरू हो रहा है, और यह जैसे ही ख़त्म होता है वैसे ही होली का त्योहार मनाया जाता है। चलिए इसी के साथ जान लेते हैं, होलाष्टक में कौन कौन से कार्यों को करने की सलाह दी जाती है, और क्या क्या काम करना वर्जित माना गया।

होलाष्टक में ज़रूर करें ये काम (Holashtak 2025)
- होलाष्टक की अवधि के दौरान रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य होना चाहिए। ऐसा करने से मन को शांति मिलती है, मानसिक तनाव कम होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही साथ हनुमानजी भक्तों के कष्टों को नष्ट कर देते हैं।
- होलाष्टक की अवधि के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना गया है कि होलाष्टक की अवधि के दौरान भगवान विष्णु और शिव के नामों का जाप करना बहुत ही शुभ फल देता है। इन मंत्रों का जाप करने से मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में मन शांत रहता है और समाधान खोजने की कोशिश करता है, मन ही मन में हमें ताक़त महसूस होती है।
- होलाष्टक की अवधि के दौरान ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों को दान करना भी शुभ माना गया है। दान देने से ना सिर्फ़ व पुण्य प्राप्त होता है बल्कि घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है, जितना आप प्रदान करते हैं भगवान ख़ुश होकर आपको उसका दो गुना फल देते हैं। आपसे ज़रूरत की चीज़ों का दान कर सकते हैं जैसे अन्न, वस्त्र या फिर धन।
- होलाष्टक की अवधि के दौरान, ग्रह शांति पूजा करवाना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में ग्रहों से संबंधित तमाम मुश्किलें कम हो जाती है। साथ ही साथ इस पूजा से जीवन की रूकावटें भी ख़त्म हो जाती है। यह पूजा घर परिवार को एक करने में मदद करती है, सुख शांति और समृद्धि लाती है।
होलाष्टक में बिलकुल न करें ये काम (Holashtak 2025)
- होलाष्टक की अवधि के दौरान शुभ कार्यों की शुरूआत नहीं करनी चाहिए, जैसे ही इस अवधि के दौरान विवाह , नामकरण, मुंडन, गृहप्रवेश और अन्य शुभ संस्कार जैसे धार्मिक और पारिवारिक कार्य करने की मनाही है। इस अवधि के दौरान किए गए इन शुभ कार्यों का फल शुभ नहीं होता है।
- इस अवधि के दौरान नया घर बनवाने की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। बताया जाता है कि इस अवधि के दौरान घर बनाने के लिए शुभ मुहूर्त और ग्रहों की स्थिति शुभ नहीं होती है। होलाष्टक के बाद ही नए घर बनवाने की शुरुआत करें। इतना ही नहीं इस अवधि के लिए दौरान किसी भी तरह की प्रॉपर्टी ख़रीदने से बचें।
- अगर आप कोई बिज़नेस शुरू करने का सोच रहे हैं, तो होलाष्टक में ऐसा करने से बचें। इस अवधि के दौरान जितने भी शुभ कार्यों की शुरूआत की जाती है उन्हें आगे चलकर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए होलाष्टक की अवधि के बाद ही नए कामों की शुरुआत करें।
- होलाष्टक की अवधि की बात किसी भी तरह का वाहन या फिर संपत्ति नहीं ख़रीदनी चाहिए। इस अवधि के दौरान सोना चाँदी भी नहीं ख़रीदना चाहिए। अच्छा होगा कि आप होलाष्टक ख़त्म होने के बाद ही इन चीज़ों को ख़रीदने का विचार करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।