Holi 2023: होली के पर्व पर आखिर क्यों बनाई जाती है गुजिया, यहां जानें इतिहास और महत्व
मार्च का महीना चल रहा है और जल्द ही रंगों का त्योहार होली (Holi 2023) भी आने वाला है। इस रंग बिरंगे त्यौहार पर गुजिया बनाने का विशेष महत्व माना जाता है। आज हम आपको इसी इतिहास से रूबरू करवाते हैं।
Holi 2023 Recipe: लाखों वर्षों से होली का त्योहार मनाया जा रहा है। जब इस त्यौहार का नाम आता है तो रंग-बिरंगे गुलाल और अबीर के रंग मन में आने लगते हैं। रंगों के इस त्यौहार पर कई तरह के मिष्ठान भी घर में बनाए जाते हैं। गुजिया का इस पर्व पर विशेष महत्व माना जाता है।
होली के त्योहार पर गुजिया बनाने के पीछे एक खास पौराणिक इतिहास जुड़ा हुआ है। जिस वजह से इसका इतना महत्व माना जाता है। आज हम आपको उसी पुराने इतिहास से रूबरू करवाते हैं और बताते हैं कि होली के समय पर सबकी पसंदीदा मिठाई गुजिया को विशेष तौर पर क्यों तैयार किया जाता है।
Holi 2023 पर जानें गुजिया का महत्व
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गुजिया को होली पर बनाए जाने का चलन आज का नहीं बल्कि सदियों पुराना है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सबसे पहले ब्रज में ठाकुर जी यानी कृष्ण भगवान को इस मिठाई को भोग के रूप में अर्पित किया गया था। यही वजह है कि होली के मौके पर विशेष तौर पर इस पकवान को बनाया जाता है। इसे बनाने के चलन की शुरुआत ब्रज से हुई है तब से इसे होली का प्रमुख व्यंजन माना जाता है। इस होली पर आप भी लड्डू गोपाल को भोग के रूप में गुजिया जरूर अर्पित करें।
गुजिया और गुझिया में अंतर
मिठाइयों के नाम पर कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। इस मिठाई के भी दो नाम हैं एक गुजिया और दूसरा गुझिया, अधिकतर लोग ऐसे होंगे जो इसके अंतर को नहीं पहचानते हैं। आज हम आपको इसके बारे में भी बता देते हैं।
इन दोनों ही मिठाइयों के अंदर खोया या फिर सूजी के साथ ड्राई फ्रूट्स की फिलिंग की जाती है। लेकिन इनके स्वाद में थोड़ा अंतर होता है। गुजिया को मैदे के अंदर खोया भरकर तैयार किया जाता है और गुझिया को इसी तरह से बनाकर मैदे के ऊपर से चीनी की चाशनी की कोटिंग की जाती है। बाजार में दोनों ही तरह की मिठाइयां आपको आसानी से मिल जाएगी।