Holi of Mathura 2024: मथुरा के रमणरेती में शुरू हुआ होली महोत्सव, वृंदावन से लेकर मथुरा के संतों ने खेली जमकर होली

Holi of Mathura: मथुरा-वृन्दावन में होली की तैयारियों में जुटे लोगों का जोरदार उत्साह दिखाई दे रहा है। दरअसल होली के 10 दिन पहले ही रमणरेती आश्रम में भव्य होली उत्सव शुरू हो गया है, जिसमें भक्तों द्वारा फूलों से जमकर होली खेली गई।

Rishabh Namdev
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Holi of Mathura: वहीं इस पावन उत्सव में संतों और भक्तों ने एक साथ एक दुसरे को रंग लगाते हुए खुशियों का जश्न मनाया। रमणरेती स्थित गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में होली के उत्सव की शुरुआत हुई है। इस उत्सव में फूलों के साथ-साथ टेसू के फूलों से भी होली खेली गई। सैकड़ों भक्तों और संतों ने मिलकर होली का आनंद उठाया। इसके साथ ही राधा-कृष्ण की लीलाओं का भी जश्न मनाया गया।

राधा-कृष्ण की लीलाओं का भी जश्न:

दरअसल आपको बता दें की रमणरेती आश्रम में दिखने वाली विभिन्न झाकियों में लठमार होली, लड्डू होली, फूलों की होली और टेसू के फूलों से बने रंगों की होली शामिल थी। इनके अलावा राधा-कृष्ण की लीलाओं का भी जश्न हुआ। यहां के बड़े-बड़े भक्त और संत ने भी इस उत्सव में भागीदारी की।

गोकुल के पास स्थित रमणरेती आश्रम का नाम श्रीउदासीन कार्ष्णि आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। यहां के होली उत्सव में फूलों की खेली जाने वाली होली बहुत ही प्रसिद्ध है। रमणरेती आश्रम के प्रति भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हर साल इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

टेसू के फूलों से बने रंगों की होली:

इस साल की होली उत्सव में भी विशेष बात यह थी कि फूलों के साथ-साथ टेसू के फूलों से बने रंगों की होली भी खेली गई, जो कि एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है। इस बारे में कुछ भक्तों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की फूलों से होली खेलने का अनुभव बहुत ही अलग है और इसमें एक प्राकृतिक खुशबू भी होती है।

इस होली उत्सव के माध्यम से गोकुल के लोगों ने न केवल रंग-बिरंगी होली का आनंद लिया, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी महसूस किया। इससे आश्रम के भक्तों और श्रद्धालुओं में भी खुशियों की लहर उमड़ी।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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