Holika Dahan 2023: इन 3 लोगों के लिए अशुभ होता है होलिका दहन को देखना, ये है वजह

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Holika Dahan 2023: होली रंगों का उत्सव होता है। ये त्योहार एकता और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। विभिन्न प्रकार के रंगों में दुश्मनी भी ओझल हो जाती है। इसकी शुरुआत होलिका दहन से ही हो जाती है। होलिका की पवित्र अग्नि सभी बुराइयों को आपण अंदर समा लेती है। और बदले में मनुष्यों के मन को साफ करती है। इस दिन से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि कुछ लोगों को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। ऐसा करना उनके लिए अशुभ माना जाता है। ये पवित्र अग्नि भी कुछ लोगों के के जीवन में दोष लगा सकती है। आइए जानें किन-किन लोगों को होलिका दहन भूलकर भी नहीं देखना चाहिए:-

नवविवाहित महिला

नवविवाहित महिलाओं को ससुराल की पहली होलिका दहन नहीं देखनी चाहिए। होलिका दहन की आग को एक जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। इसे देखने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती है।

नवजात बच्चों को रखें दूर

होलिका दहन की अग्नि से नवजात शिशुओं को दूर रखना चाहिए। अग्नि की परछाई पड़ना भी अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिस स्थान पर होलिका दहन होता है, वहाँ नकरात्मक शक्तियों का खतरा भी होता है।

गर्भवती महिलायें रखें दूरी

गर्भवती महिलाओं को भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। यहाँ तक की उन्हें इसकी पूजा भी नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि होलिका दहन से लगने वाले दोष का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News