बरकत चाहिए या बर्बादी? होलिका दहन पर ये 1 गलती पड़ सकती है भारी, रखें ध्यान

Holika Dahan 2025: होली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला होलिका दहन नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और सुख-समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्य जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, जबकि कुछ गलतियां भारी नुकसान और दरिद्रता का कारण बन सकती हैं।

Bhawna Choubey
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कुछ दिनों के बाद देशभर में होली का त्योहार मनाया जाएगा, यह ऐसा त्योहार है जिसके लिए न सिर्फ़ बच्चे बल्कि बड़े भी उत्साहित रहते हैं। यह रंगों का त्योहार होता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली मनाने की शुरुआत की इसके पीछे क्या वजह है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब नरसिंह अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी तब से ही होली मनाने की शुरुआत हुई है।

होली के एक दिन पहले होली दहन होता है, इस दिन लोग जलती हुई आग में नई फ़सल के दाने , उपले और अन्य सामग्री डालते हैं। होली दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं माना जाता है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करने का प्रतीक भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन जाने अंजाने में की गई कुछ गलतियों की वजह से भारी नुक़सान झेलना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं कि इस दिन किन किन गलतियों से बचना चाहिए।

होलिका दहन पर ये 1 गलती पड़ सकती है भारी (Holika Dahan 2025)

उधार लेन-देन

ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से, ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन के दिन कभी भी किसी से उधार पैसा नहीं लेना चाहिए न ही किसी को उधार पैसा देना चाहिए। इस दिन पैसों और रूपयों का लेन देन करने से घर में आर्थिक तंगी आती है। घर में सुख शांति पर भी नज़र लगती है। इसलिए यह गलती न करें।

एक पुत्र की मां रखें ध्यान

इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि जिनका केवल एक पुत्र है, उनको भी कभी भी होलिका दहन की अग्नि के पास नहीं जाना चाहिए, बाक़ी जिन लोगों के पास एक पुत्र है और एक पुत्री है, उनके लिए ऐसा कोई ख़ास नियम नहीं है वे होलिका दहन कर सकते हैं।

सफ़ेद चीज़ों का सेवन न करें

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ों का सेवन करने की मनाही होती है। इसके पीछे यह कारण है कि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है, और यह दिन सफ़ेद चीज़ों की तरफ़ नकारात्मक और शक्तियों को आकर्षित करता है। ऐसे में होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ें जैसे मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशा नहीं खाना चाहिए।

इन लकड़ियों को न जलाएं

वैसे तो होलिका दहन के दिन आमतौर पर सुखी लकड़ियों को जलाया जाता है, लेकिन कुछ लकड़ी ऐसी भी होती हैं जिन्हें जलाना इस दिन शुभ नहीं माना गया है। होलिका दहन के दिन आम, बरगद, पीपल कि लकड़ियों को नहीं जलाना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे यह कारण है कि फाल्गुन में इन पेड़ों की नयी कोपलें निकलती है, अगर हम इन लकड़ियों को जलाएंगे तो इसका मतलब है कि हम कोपलों को नष्ट कर रहे हैं।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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