प्रेमानंद महाराज जी वृंदावन के फेमस रासिक संत हैं, जिनके सत्संग और दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में कोई भी भक्त फ्री में उनके सत्संग और दर्शन का हिस्सा बन सकता है। बस कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे।
महाराज जी से मिलने के लिए वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर भक्ति वेदांत हॉस्पिटल के सामने बने श्री हित राधा केली कुंज आश्रम जाना होगा। दर्शन या सत्संग के लिए एक दिन पहले सुबह 9:30 बजे आश्रम में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। ये रजिस्ट्रेशन फ्री है और आपको अगले दिन सत्संग, कीर्तन या एकांतिक वार्तालाप के लिए टोकन मिलेगा। महाराज जी की हेल्थ और बढ़ती भीड़ को देखते हुए ये सिस्टम बनाया गया है।

सत्संग और दर्शन की प्रक्रिया
प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए सबसे पहले वृंदावन पहुंचें। आश्रम परिक्रमा मार्ग पर वाराह घाट के पास, भक्ति वेदांत हॉस्पिटल के सामने है। एक दिन पहले सुबह 9:30 बजे आश्रम जाकर रजिस्ट्रेशन करें। आपको सत्संग, कीर्तन या एकांतिक वार्तालाप के लिए टोकन मिलेगा। सत्संग के लिए सुबह 3:30 बजे तक आश्रम पहुंचें, क्योंकि ये 4:15 बजे शुरू होकर 6:30 बजे खत्म होता है। कीर्तन के लिए सुबह 7 बजे और एकांतिक वार्तालाप के लिए 5:30 बजे एंट्री होती है, जो 6:30 बजे शुरू होता है। साफ कपड़े पहनें और आश्रम के नियम फॉलो करें। अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं है।
परिक्रमा मार्ग पर दर्शन का मौका
अगर आप सिर्फ महाराज जी की झलक पाना चाहते हैं, तो सुबह 2:30 बजे परिक्रमा मार्ग पर भक्ति वेदांत हॉस्पिटल के पास पहुंचें। महाराज जी इस टाइम अपनी कुटिया से निकलकर करीब 250 मीटर पैदल चलते हैं। ये जगह भक्तों में “दर्शन पॉइंट” के नाम से पॉपुलर है। हजारों लोग उनकी एक झलक के लिए जमा होते हैं। इस दौरान उनसे बात करने या डिस्टर्ब करने से बचें, क्योंकि ये उनका स्पिरिचुअल टाइम होता है। भक्त मानते हैं कि इस वक्त उनके चरणों की धूल लेने से राधा रानी की कृपा मिलती है। शांति बनाए रखें।
आश्रम का शेड्यूल
आश्रम का शेड्यूल फिक्स है, जिसे फॉलो करने से आपका एक्सपीरियंस बेहतर होगा। सुबह 4:10 से 5:30 बजे सत्संग, 5:30 से 6:30 बजे मंगला आरती और वन विहार होता है। 8:15 से 9:15 बजे श्रृंगार आरती और राधा नाम संकीर्तन होता है। शाम को 4:00 बजे धूप आरती, 4:15 से 5:35 बजे वाणी पाठ और 6:00 बजे संध्या आरती होती है। कम से कम दो दिन का प्लान बनाएं, क्योंकि भीड़ की वजह से मिलने की गारंटी नहीं होती। होली या जन्माष्टमी जैसे फेस्टिवल में पहले अपॉइंटमेंट लें। कोई फीस नहीं है, और महाराज जी डोनेशन भी नहीं लेते। वृंदावन पहुंचने के लिए मथुरा जंक्शन से ऑटो या टैक्सी लें, जो 15 किमी दूर है।