Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है, न सिर्फ घर के निर्माण के दौरान बल्कि घर के हर एक कोने के लिए वास्तु शास्त्र में तरह-तरह के नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के बताए गए नियमों का पालन करने से व्यक्ति को सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जाने अनजाने में हमारे द्वारा की गई कुछ गलतियों की वजह से वास्तु दोष लग जाता है, जिस वजह से व्यक्ति को तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिनमें बार-बार असफलता का सामना करना, बार-बार बीमार पड़ना, कड़ी मेहनत करने के बाद भी ज्यादा पैसा नहीं मिल पाना, या फिर पैसा मिलने के बाद टिक नहीं पाना शामिल है।
किचन से जुड़ा वास्तु शास्त्र
आज हम खासतौर पर किचन से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में जानेंगे। रसोई घर से जुड़ा वास्तु दोष बेहद नकारात्मक असर देता है। इसका प्रभाव न केवल करके सुख शांति पर पड़ता है बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। किचन की दिशा, रंग और स्थिति का महत्व के अनुसार सही होना बहुत जरूरी है।
इस दिशा में होना चाहिए किचन
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई का सही स्थान घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है। पूरब और दक्षिण के मध्य आग्रेय कोण में रसोई का होना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिशा में अग्नि का तत्व प्रबल होता है जो घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
कहां होना चाहिए जल और अग्नि का स्थान
यदि रसोई में अग्नि और जल का स्थान सही तरीके से व्यवस्थित नहीं किया गया है तो उससे कई समस्या उत्पन्न हो सकती है। खासकर गैस चूल्हे के पास सिंक का होना वास्तु की दृष्टि से गलत है। माना जाता है, इससे अग्नि का प्रभाव कमजोर होता है। अग्नि का सही स्थान पर होना जरूरी है, क्योंकि यह घर में ऊर्जा का संचार करता है और जीवन को सुखद बनाता है। इसलिए रसोई में जल और अग्नि का स्थान का सही संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आग्रेय कोण, जिसे अग्नि का तत्व माना जाता है। इस दिशा में रसोई, बिजली का मुख्य स्विच और जनरेटर जैसी चीज रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। अगर आग्रेय कोण सही स्थिति में होता है, तो आकस्मिक दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलती है। अगर इस दिशा में वास्तु दोष हो तो यह गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे घर में झगड़ा, मुकदमेबाजी और आर्थिक अस्थिरता