Janmashtami 2023 : जन्माष्टमी हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मथुरा का जन्माष्टमी विश्वविख्यात है क्योंकि मथुरा ही भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल के रूप में माना जाता है। मथुरा में इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें कई प्रकार की धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जैसे कि भजन-कीर्तन, रासलीला, मुकुट उद्घाटन और रात को मुकुट धारण। इस दिन मोर का पंख भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
मोर पंख को वास्तु शास्त्र में कुछ लोग वास्तु के लिए शुभ मानते हैं। इसके अलावा, कृष्ण भक्ति के प्रतीक के रूप में मोर पंख का उपयोग किया जाता है, क्योंकि कृष्ण ने अपने मुकुट में मोर पंख धारण किए रहते हैं। उनके जीवन में शुभता और समृद्धि को बढ़ावा देता है। इसलिए इस जन्माष्टमी मोर पंख से जुड़े ये 4 उपाय करें…
मोर पंख के उपाय
- राहु और केतु के दोष ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कुंडली में इनके दोषों का प्रभाव जीवन पर पड़ता है। यदि आपकी कुंडली में राहु-केतु दोष है तो आप मोर पंख को पश्चिम दिशा की दीवार पर लगाएं, क्योंकि पश्चिम दिशा को राहु के द्वारका और केतु के प्रवेश के द्वार के रूप में माना जाता है। इसके द्वारा आपके ग्रह दोषों का प्रभाव कम हो सकता है।
- मोर पंख का उपयोग वो लोग कर सकते हैं जिनके घरों में काफी ज्यादा कलह होती ताकि पति-पत्नी के बीच की तनाव कम हो और उनका जीवन मिठास से भरा रहे। कुछ लोग इसे अपने परिवार में सुख और समृद्धि के लिए करते हैं। इससे आपके जीवन में सुख और समृद्धि आएगी। जिससे आपके पारिवारिक संबंधों में भी सुधार आएगा।
- मोर पंख पर गंगाजल छिड़ककर शुभ स्थानों पर लगाएं। यह उपाय आपको भगवान कृष्ण के साथ जोड़ता है। कुछ लोग इसे अपने आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए करते हैं।
- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्णु की पूजा में 5 मोर पंख भी रखें और फिर 21 दिनों तक उन्हें पूजा स्थान पर रखे रहने दें। इसके बाद उसे तिजोरी के पास रखें। कुछ लोग अपनी आर्थिक समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)