Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर करें तुलसी से जुड़े 4 खास उपाय, पैसों से भर जाएगी तिजोरी, दूर होंगे जीवन के कष्ट

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Janmashtami 2023: हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी का खास महत्व होता है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में यह त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाया जाएगा। भगवान श्री कृष्ण को तुलसी की पत्तियां बेहद प्रिय होती हैं। इनके बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए इस दिन तुलसी के संबंधित कुछ उपायों को करना बहुत शुभ माना जाता है। बाल गोपाल के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। धन लाभ और सफलता के योग बनते हैं।

आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए

पूजा के दौरान तुलसी के साथ लड्डू गोपाल को भोग अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

धन लाभ के लिए

इस दिन तुलसी के पौधे के सामने घी के दीपक जलाएं और 11 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। धन-अन्न का भंडार भरा रहता है।

विवाह के लिए

विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी का पौधा घर में लगाएं। ऐसा करने से वैवविक जीवन की समस्याएं भी खत्म होती है। पति-पत्नी के बीच संबंध अच्छे होते हैं।

नौकरी के लिए

करियर और नौकरी में लाभ के लिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी माता पर लाल चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से सफलता के द्वार खुलते हैं और भाग्य का साथ मिलता है ।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News